केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जानकारी दी गई है कि भारत में अबतक जितने लोगों को वैक्सीन लगाई गई है, उसमें से सिर्फ 0.18 फीसदी लोगों यानी करीब एक हजार लोगों में ही दुष्प्रभाव पाए गए हैं. जबकि 0.002 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्हें वैक्सीन लगने के बाद दोबारा अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी है. आपको बता दें कि भारत में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन का काम शुरू हुआ और अब तेजी से आगे बढ़ रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कहा गया कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों को आगे आकर कोरोना का टीका लगवाना चाहिए, वैक्सीन को लेकर जितनी भी गलत बातें बताई जा रही हैं उनपर ध्यान नहीं देना चाहिए. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने भरोसा दिलाया कि देश में जिन दो वैक्सीन को मंजूरी मिली हैं, वो बिल्कुल ठीक हैं.
आपको बता दें कि बीते दिनों कोरोना का टीका लगवाने के बाद दो व्यक्तियों की मौत की बात भी सामने आई थी, हालांकि बाद में सरकार ने अपने बयान में कहा कि मौत का टीका लगने से कोई संबंध नहीं है, ये बात पोस्टमॉर्टम में साफ हुई है.
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भारत में पिछले चार दिन में करीब 6 लाख से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है. एक दिन में वैक्सीन लगाने के मामले में भारत अब अमेरिका से भी आगे चल रहा है, जल्द ही देश में ये रफ्तार और भी तेज़ होगी.
केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि किस सेशन में कौन-सी वैक्सीन दी जानी है, ये पूरी तरह से राज्य सरकार पर निर्भर है. अभी तक उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्य हैं जहां लक्ष्य को तेजी से पूरा किया जा रहा है. लक्षद्वीप, सिक्किम, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान अभी ऐसे राज्य हैं जहां पर 71 फीसदी से अधिक लक्ष्य को पूरा किया गया है.
भारत में अबतक कोरोना वैक्सीन की दो वैक्सीन को मंजूरी मिली है, कोविशील्ड और कोवैक्सीन. इसके अलावा चार वैक्सीन पर काम चल रहा है और बीते दिन ही एक नेसल वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी मिली थी. अगर भारत में कोरोना वायरस के असर को देखा जाए तो अब ये कम होता जा रहा है. करीब आठ महीने के बाद देश में एक दिन में हुई कोरोना से मौत का आंकड़ा 140 के नीचे गया है, जो राहत देने वाला है.