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देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में अब एक अहम मोड़ आ गया है. 1 मार्च से भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा फेज़ शुरू हो रहा है. इस दिन से 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन मिलना शुरू होगा, साथ ही 45 साल से अधिक उम्र वाले (जिन्हें गंभीर बीमारी है) उन्हें भी वैक्सीन मिलेगी.
हालांकि, दूसरे दौर की खास बात ये भी है कि अब प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन मिल पाएगी जिससे वैक्सीनेशन का दायरा तेज़ी से बढ़ सकता है.
वैक्सीनेशन 2.0 में क्या है खास?
• भारत में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी, तब पहले फेज में कोरोना वॉरियर्स, स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन देने काम शुरू किया गया था. इन सभी को केंद्र सरकार की ओर से मुफ्त वैक्सीन लगाई गई. बीते दिन तक 1 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की डोज मिल चुकी है.
• अब 1 मार्च से शुरू हो रहे वैक्सीनेशन के दूसरे दौर में इस दायरे को बढ़ा दिया जाएगा, ताकि अगस्त-सितंबर तक 30 करोड़ के आंकड़े को छुआ जा सके. 1 मार्च से 60 साल से अधिक उम्र वाले, 45 साल से अधिक उम्र वाले (जिन्हें गंभीर बीमारी है) को वैक्सीन दी जाएगी.
• दूसरे फेज़ में कोरोना वैक्सीनेशन का काम करीब 10 हजार सरकारी सेंटर्स पर होगा. इन सभी सेंटर्स पर 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाई जाएगी.
• खास बात ये भी है कि अब प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन मिल पाएगी. हालांकि, इसके लिए पैसा देना होगा. प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन के लिए कितने रुपये देने होंगे, स्वास्थ्य मंत्रालय अगले कुछ दिनों में इसका ऐलान कर देगा. अभी करीब 20 हजार प्राइवेट सेंटर्स पर वैक्सीन मिलेगी, जिनका सरकार के साथ अनुबंध होगा.
पहले फेज से कितना अलग है ये चरण?
कोरोना वैक्सीनेशन के पहले फेज में करीब 3 करोड़ कोरोना वॉरियर्स को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इनका डाटा सरकार के पास था, ऐसे में इनके पास मैसेज जाता था और वैक्सीन का वक्त फिक्स हो जाता था. लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा.
क्योंकि दूसरे फेज में वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ गया है, तो लोगों को खुद ही CO-WIN ऐप पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. ऐप में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आपकी लोकेशन के हिसाब से वैक्सीनेशन का वक्त, जगह और अन्य जानकारियां उपलब्ध हो जाएंगी. इस दौरान लोगों के पास प्राइवेट या पब्लिक सेंटर्स को चुनने का अवसर भी मिलेगा. याद रखें कि इस सब प्रक्रिया में आपके आधार कार्ड का अहम रोल है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
देश में वैक्सीनेशन का दूसरा चरण ऐसे वक्त में पूरा हो रहा है, जब कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के केसों में बढ़त देखने को मिल रही है. ऐसे में एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि वैक्सीनेशन का दूसरा चरण काफी अहम होने वाला है, उम्मीद है कि अधिक संख्या में वैक्सीन लगने से कोरोना का ट्रांसमिशन रुक पाएगा.
वैक्सीनेशन 2.0 में 45 साल से अधिक उम्र वाले (गंभीर बीमारी से ग्रसित) में कौन शामिल होंगे, इसपर डॉ. गुलेरिया का कहना है कि इस कैटेगरी में कौन आएगा, इसका सरकार आधिकारिक रूप से ऐलान करेगी. लेकिन डायबिटीज़, कैंसर या दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए कोरोना जानलेवा साबित हो सकता है.