Corona Vaccine 2nd Booster Dose: कोरोना वायरस के नए-नए रूप लगातार दुनिया की टेंशन बढ़ा रहे हैं. इस बीच कोरोना वैक्सीन की चौथी खुराक या दूसरी बूस्टर डोज देने की बात कही जा रही है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से जुड़े एक एक्सपर्ट ग्रुप ने यह बात कही है. एक्सपर्ट ग्रुप का कहना है कि ओमिक्रॉन और इसके सब वैरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच यह जरूरी है.
संयुक्त राष्ट्र की हेल्थ एजेंसी WHO का कहना है कि दूसरी बूस्टर डोज उन लोगों के लिए जरूरी है जिनको कोरोना वायरस का खतरा ज्यादा है. इसमें हेल्थ वर्कर्स, 60 साल से ऊपर के लोग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग शामिल हैं.
युवाओं को जरूरत नहीं
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, WHO का यह भी कहना है कि कुल सात स्टडीज का डेटा देखा गया है. एक्सपर्ट कमेटी को इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि दूसरी बूस्टर डोज का युवाओं पर भी कोई फायदा होगा.
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आगे कहा गया है कि जिन लोगों को कोरोना से ज्यादा खतरा है या जिनकी मौत के ज्यादा चांस हैं उनको mRNA वैक्सीन की बूस्टर डोज फायदा पहुंचाएगी.
WHO ने चिंता भी जताई
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इस बात को लेकर चिंता भी जताई कि कुछ देशों तक बूस्टर डोज पहुंच पाना टेढ़ी खीर है. कहा गया है कि कई अमीर देशों ने 70 फीसदी टीकाकरण पूरा कर लिया है. वहीं कुछ निर्धन देश अबतक 16 फीसदी लोगों को ही टीका लगा पाए हैं.
WHO पहले भी ऐसे देशों की निंदा कर चुका है जो कि युवाओं को भी बूस्टर डोज दे रहे थे. कहा गया था कि युवाओं के लिए बूस्टर डोज गैर-जरूरी है.
बता दें कि कई देशों में दूसरी बूस्टर डोज लगनी शुरू भी हो चुकी है. जैसे अमेरिका में 50 साल या उससे ऊपर के लोगों को दूसरी कोविड वैक्सीन बूस्टर डोज लगाई जा रही है. वहीं यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी ने 80 साल या उससे ऊपर के लोगों के लिए बूस्टर डोज को हरी झंडी दी थी.