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कोरोना के नए स्ट्रेन की चिंता ने साफ किया था कोवैक्सीन के अप्रूवल का रास्ता!

ब्रिटेन से आए नए कोरोना के स्ट्रेन ने भी देश में चिंता की लकीरें खींच दी हैं. माना जा रहा है कि ब्रिटेन से आए इसी नए स्ट्रेन के कारण भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को बीते दिनों आसानी से मंजूरी मिल गई.

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जल्द देश में शुरू होगा वैक्सीनेशन
जल्द देश में शुरू होगा वैक्सीनेशन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • देश में दो वैक्सीन को मिल गई मंजूरी
  • जल्द शुरू होगा टीकाकरण का काम

देश में अबतक दो कोरोना वैक्सीन को अप्रूवल मिल गया है और जल्द ही लोगों को वैक्सीन लगाने का काम भी शुरू हो जाएगा. इस बीच ब्रिटेन से आए नए कोरोना के स्ट्रेन ने भी देश में चिंता की लकीरें खींच दी हैं. माना जा रहा है कि ब्रिटेन से आए इसी नए स्ट्रेन के कारण भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को बीते दिनों आसानी से मंजूरी मिल गई.

देश में वैक्सीन को मंजूरी देने वाली सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने तीन बड़ी बैठकें कीं, जिनमें कोवैक्सीन को फेज़ 3 क्लीनिकल ट्रायल डाटा के आने से पहले ही मंजूरी दे दी गई. 30 जनवरी को पहले भारत बायोटेक से डाटा की जानकारी मांगी गई, लेकिन दो जनवरी आते-आते उसकी वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई. 

बैठक से ही जानकारी मिली की भारत बायोटेक की वैक्सीन के ट्रायल में दूसरे फेज़ में सिर्फ 14 बच्चों पर ही परीक्षण हुआ, जिनकी उम्र 12 से 18 के बीच की थी. जानकारी के मुताबिक, भारत बायोटेक की वैक्सीन में ब्रिटेन वाले कोरोना के नए स्ट्रेन का मुकाबला करने की क्षमता है जिसको लेकर बैठक में भी मंथन हुआ था. हालांकि, एक दिन पूर्व की बैठक में बयान में कुछ अंतर देखने को मिला था. 

जानकारी के मुताबिक, 1 जनवरी तक की बैठक में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन से जुड़ा कोई प्रभावी डाटा उपलब्ध नहीं था. कोवैक्सीन का 25 हजार से अधिक लोगों पर ट्रायल चल रहा था, जिसमें से 22 हजार पर ये सफल हो गया था. लेकिन 2 जनवरी की बैठक में जो जानकारी सामने आई उसके मुताबिक, कोवैक्सीन की ओर से वैक्सीन के ट्रायल में अच्छे नतीजे सामने आए हैं. 

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इन्हीं नतीजों के आधार पर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने कोवैक्सीन को इमरजेंसी में इस्तेमाल की इजाजत दी थी. हालांकि, इस दौरान कोवैक्सीन का फेज थ्री ट्रायल जारी रहेगा और जिसका डाटा वक्त पर उपलब्ध कराया जाएगा. कमेटी की तीन बैठकों में अलग-अलग विचार पर कई बाहरी एक्सपर्ट ने सवाल भी खड़े किए. 

ऑल इंडिया ड्रग एक्शन नेटवर्क की मालिनी ऐसोला के मुताबिक, दो दिन में ही SEC का रुख वैक्सीन के लिए बदल गया, जो थोड़ा पेचीदा मामला लगता है. वहीं, ICMR के एडवाइजर डॉ. रमन के मुताबिक, सारा डाटा सार्वजनिक नहीं किया जाता है. लेकिन जिस तरह से DCGI ने बाहर आकर बयान जारी किया है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ.

इस तमाम विवाद के बाद DCGI ने सफाई भी दी थी और कहा था कि मौजूदा हालात ऐसे हैं कि आपात इस्तेमाल के लिए वैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है. अन्य डाटा की जरूरत भी होती है लेकिन वो साथ में ही पूरा किया जा रहा है. 

आपको बता दें कि भारत सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड को मंजूरी दी है, जिन्हें 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों पर इस्तेमाल किया जाएगा. जबकि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों पर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने पर बीते दिनों विवाद देखने को मिला था, हालांकि अब मामले को संभाल लिया गया है. 

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