देश में कोरोना वायरस की रफ्तार बेकाबू हो चली है और अब वैक्सीनेशन के अलावा दूसरा कोई हथियार सामने नहीं दिख रहा है. ऐसे में कोरोना वैक्सीन पर ही सबकी निगाहें टिकी हैं. अभी भारत में सिर्फ दो वैक्सीन का उपयोग हो रहा है, लेकिन सूत्रों की मानें तो जुलाई-अगस्त तक इनकी संख्या बढ़ सकती है.
अगर जुलाई-अगस्त तक वैक्सीन का भरपूर स्टॉक मिल पाता है, तो भारत में सभी को वैक्सीन लगाने के लिए भरपूर डोज़ होंगी. बता दें कि इस वक्त भारत में 12 साल से अधिक उम्र वालों के लिए भी वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है.
वहीं, रूस द्वारा निर्मित स्पुतनिक वी को जल्द अप्रूवल मिलने के आसार हैं. इसे भारत में डॉ. रेड्डी लैब्स की सहायता से बनाया जा रहा है. सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की आज बैठक है, जिसमें स्पुतनिक वी को मंजूरी मिलने पर चर्चा हो सकती है.
अगर इसे मंजूरी मिलती है, तो जल्द ही बड़ा स्टॉक भारत को मिल सकता है और वैक्सीन की कमी की जो शिकायतें आ रही हैं, उसे दूर करने में सहायता मिल सकती है.
गौरतलब है कि अभी भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन ही इस्तेमाल में आ रही है. दोनों ही वैक्सीन को अलग-अलग राज्यों में लगाया जा रहा है. लेकिन कई राज्यों से वैक्सीन के स्टॉक में कमी होने की खबरें भी आ रही हैं, ऐसे में लगातार अपील की जा रही है कि अन्य वैक्सीन निर्माताओं को भारत में परमिशन दी जानी चाहिए.
बीते दिनों ही खबर आई थी कि जॉनसन एंड जॉनसन भी जल्द भारत में अपनी वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर सकता है. जॉनसन एंड जॉनसन ने सिंगल शॉट वैक्सीन का निर्माण किया है, सफल ट्रायल के बाद अगर भारत में इसे मंजूरी मिलती है, तो बड़ी आबादी को राहत होगी.
अभी तक भारत में 10 करोड़ से अधिक वैक्सीन के डोज़ दिए जा चुके हैं. देश में हर रोज़ औसतन 35 लाख के करीब डोज़ दिए जा रहे हैं. अभी 45 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को ही वैक्सीन लग रही है.