कोरोना संकट के मामले में भारत इस वक्त दुनिया का एपिसेंटर बन चुका है. दुनिया में सबसे ज्यादा केस भारत में ही रिपोर्ट किए जा रहे हैं और सबसे बुरे हालात भी यहां के ही हैं. इस बीच भारत की बिगड़ती हुई स्थिति को देखकर दुनिया की ओर से मदद का हाथ बढ़ाया गया है. अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम समेत अन्य कई देशों ने अपनी ओर से मदद रवाना कर दी है, जो भारत पहुंचना शुरू भी हो गई है.
अमेरिका: अमेरिका द्वारा भेजे गए 319 ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर दिल्ली पहुंच गए हैं. अब इन्हें अस्पताल की जरूरतों के हिसाब से सप्लाई किया जाएगा. अमेरिका की ओर से इनके अलावा भी वेंटिलेटर, रैपिड किट्स भी भेजी जा रही हैं. वहीं, अमेरिका वैक्सीन प्रोडक्शन के लिए रॉ मैटेरियल देने का वादा भी कर चुका है.
हांगकांग: हांगकांग की ओर से भी भारत को मदद मुहैया कराई जा रही है. हांगकांग से 800 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर एयरलिफ्ट किए जा चुके हैं. जबकि 10 हजार हर हफ्ते आने को तैयार हैं.
यूके: यूनाइटेड किंगडम की ओर से भारत को 600 मेडिकल उपकरण भेजे गए हैं. रविवार को ये सभी ब्रिटेन से रवाना हो गए हैं, जो सोमवार तक पहुंच सकते हैं. इनमें वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर हैं.
Today we have sent the first of several urgent deliveries of surplus medical equipment to our friends in India to help provide life-saving care for vulnerable Covid patients. No-one is safe until we are all safe. pic.twitter.com/HOudeYv86c
— Dominic Raab (@DominicRaab) April 25, 2021
आपको बता दें कि इन बड़े देशों के अलावा सिंगापुर, सऊदी अरब और अन्य देशों से भारत ने ऑक्सीजन के कंटेनर्स लिए हैं. बीते दिन ही सऊदी अरब से हजारों ऑक्सीजन सिलेंडर्स भारत पहुंचे, जबकि सिंगापुर से ऑक्सीजन के बड़े कंटेनर्स आ रहे हैं.
#سفارة_الهند_للمملكة: نشكر المملكة على إرسال 80 مليون طن من الأكسجين السائل إلى #الهند لمواجهه التفشي الحاد لڤيروس #كورونا.
— صحيفة مكة (@makkahnp) April 25, 2021
@IndianEmbRiyadh #صحيفة_مكة pic.twitter.com/ZrFZ1gDJkE
देश में इस वक्त ऑक्सीजन की भारी किल्लत
कोरोना वायरस के मामलों की बेकाबू रफ्तार की वजह से अस्पतालों पर दबाव बढ़ा है. इसी वजह से ऑक्सीजन की डिमांड भी बढ़ गई है. सरकार का दावा है कि ऑक्सीजन का प्रोडक्शन बढ़ा है, लेकिन सप्लाई और अन्य मसलों में दिक्कत आ रही है. अब सरकार की ओर से रेल, हवाई, सड़क मार्ग से ऑक्सीजन सप्लाई को तेज किया गया है.
सरकारी तंत्र के अलावा प्राइवेट कंपनियों को भी अब ऑक्सीजन सप्लाई में जुटा दिया गया है. कई बड़े प्लांट्स को अब सिर्फ मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई में लगाया गया है.