एक तरफ जहां पूरा देश लॉकडाउन के बंधनों से मुक्त हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस का संक्रमण लोगों को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है. 8 जून की सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के हिसाब से देश में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 2 लाख 56 हजार 611 पहुंच गई है. जबकि 7135 मरीजों की मौत हुई है. हैरानी की बात ये है कि कोरोना के कुल केस में 70 फीसदी सिर्फ पांच राज्यों में हैं.
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात और राजस्थान वो पांच राज्य हैं जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज हैं. महाराष्ट्र- 85975, तमिलनाडु- 30152, दिल्ली- 27654, गुजरात- 20,070 और राजस्थान में 10,331 केस हैं. यानी इन पांच राज्यों को मिलाकर कुल केस की संख्या 1 लाख 74 हजार से ज्यादा पहुंच रही है, जो कुल मामलों का करीब 70 फीसदी है.
कोरोना के शुरुआती दौर में 1 अप्रैल को जब भारत में कुल कोरोना केस की संख्या 1764 थी तब महाराष्ट्र में 302, दिल्ली में 120, गुजरात में 74, राजस्थान में 93 और तमिलनाडु में 124 केस थे. यानी 1764 में से कुल 713 केस इन पांच राज्यों से थे, जो कुल केस का 40 फीसदी थे.
इसके बाद 14 अप्रैल को पहला लॉकडाउन पूरा हो गया. केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दूसरे चरण का ऐलान कर दिया जो 3 मई तक चला. पूरा देश बंद रहा. न ट्रेन चली, न फ्लाइट, न बस, न टैक्सी. यहां तक कि एक जिले से दूसरे जिले में भी जाने की छूट नहीं दी गई. बावजूद इसके कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़ता चला गया. 1 मई को देश में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 43932 पहुंच गई.
महाराष्ट्र- 10498
दिल्ली- 3515
गुजरात- 4395
राजस्थान- 2584
तमिलनाडु- 2323
यानी 43932 में से 23315 केस पांच राज्यों से थे, जो कुल केस का करीब 53 फीसदी था. इसके बाद देश में लॉकडाउन जारी तो रहा लेकिन कई मामलों में ढील दे दी गई. राजस्व की कमी से जूझ रही राज्य सरकारों को शराब की दुकानें खोलने की इजाजत मिल गई. साथ ही नियम व शर्तों के साथ ग्रीन व ऑरेंज जोन में आर्थिक गतिविधियां भी चालू कर दी गईं.
देश धीरे-धीरे खुलने लगा और कोरोना ने स्पीड पकड़ ली. 1 जून की सुबह आठ बजे तक देश में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 2,82,354 पहुंच गई. अकेले महाराष्ट्र में 67 हजार से ज्यादा केस हो गए. जबकि दिल्ली में 19844, गुजरात में 16779, तमिलनाडु में 22333 और राजस्थान में 8831 मरीज हो गए. हालांकि, राजस्थान काफी हद तक ब्रेक लगाने में कामयाब रहा.
वहीं, जून के पहले हफ्ते की बात की जाए तो असम, हरियाणा, त्रिपुरा और जम्मू-कश्मीर समेत कई बड़े छोटे राज्य ऐसे हैं जहां कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी या उसके आसपास पहुंच गई है. जबकि छत्तीसगढ़, हिमाचल, मध्य प्रदेश, झारखंड, पंजाब और उत्तराखंड जैसे राज्य काफी हद तक कोरोना का व्यापक प्रसार रोकने में सफल रहे हैं.
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