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CATS एम्बुलेंस के कंट्रोल रूम में कोरोना संक्रमण, 15 स्टाफ कोरोना पॉजिटिव निकले

कॉल सेंटर के कर्मचारियों का कहना है कि एम्बुलेंस चलाने वाले ड्राइवर और पैरामेडिकल स्टाफ पीपीई किट और अन्य सामग्री लेने कंट्रोल रूम में आया करते थे. अब इन कर्मचारियों को भी संक्रमण का डर सता रहा है. अभी तीन अन्य शिफ्ट में काम करने वाले करीब 45 से 50 कर्मचरियों की रिपोर्ट आनी बाकी है.

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कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लेते स्वास्थ्यकर्मी (फोटो- पीटीआई)
कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लेते स्वास्थ्यकर्मी (फोटो- पीटीआई)

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  • एम्बुलेंस कंट्रोल रूम में कोरोना का संक्रमण
  • एक शिफ्ट के 15 कर्मचारी पॉजिटिव निकले

दिल्ली सरकार के CATS एम्बुलेंस के कंट्रोल रूम में कोरोना आउट ऑफ कंट्रोल होता जा रहा है. यहां लगभग 70 कर्मचारियों में से अभी 20 की कोरोना जांच रिपोर्ट आई है. इन 20 में से 15 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकले हैं.

बता दें कि पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके में कॉल सेंटर की तरह चार शिफ्टों में चलने वाले इस एम्बुलेंस कन्ट्रोल रूम में लगभग 70 लोग काम करते हैं. अभी सिर्फ एक शिफ्ट के कर्मचारियों की रिपोर्ट आई है, लेकिन इस रिपोर्ट ने बाकी कर्मचारियों में डर पैदा कर दिया है.

पीपीई किट लेने आते थे स्टाफ

कर्मचारियों का कहना है कि एम्बुलेंस चलाने वाले ड्राइवर और पैरामेडिकल स्टाफ पीपीई किट और अन्य सामग्री लेने कंट्रोल रूम में आया करते थे. अब इन कर्मचारियों को भी संक्रमण का डर सता रहा है. अभी तीन अन्य शिफ्ट में काम करने वाले करीब 45 से 50 कर्मचरियों की रिपोर्ट आनी बाकी है.

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कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें

कोरोना के संक्रमण से सबको बचने की शिक्षा देने वाले इस CATS कंट्रोल रूम में ही सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे. इसी लापरवाही की वजह से ये कहर टूटा है.

आईटी कंपनी को दी गई थी संचालन की जिम्मेदारी

जांच में ये भी पता चला है कि जानीमानी आईटी कंपनी विप्रो को इसके संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी. विप्रो ने फिर इसके स्टाफ और प्रबंधन की अन्य जिम्मेदारियां अपनी सहयोगी कंपनी ट्रिनिटी को दे दी.

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मनमानी और लापरवाही का आलम ये रहा कि इस कंट्रोल रूम के साथ 2016 में एक बैकअप ऑफिस भी बनना था ताकि आपदा के समय मुख्य कार्यालय बंद करने की नौबत आए तो बैकअप ऑफिस से एंबुलेंस जैसी अति आवश्यक सेवा चलाई जा सके. आपदा तो आ गई लेकिन सरकार, प्रशासन और व्यावसायिक कंपनियां अपनी तैयारी पूरी नहीं कर पाई.

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