देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. इस बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सभी लोगों को घर में रहकर ही जंग जीतनी है. साथ ही कहा कि घर में रहकर लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. उन्होंने कहा कि घर में रहें और ईश्वर से प्रार्थना करें.
मोहन भागवत ने कहा कि कार्यक्रम करना अपना कार्य नहीं है, कार्य अपना कार्यक्रम है. सेवा का काम आज बदल गया है. सब काम देख रहे हैं और हौसला बढ़ा रहे हैं. इस वक्त घर में ही रहकर प्रार्थना करें. अभी सबको घर में ही रहना होगा. सारी दुनिया कोरोना से जूझ रही है. कोरोना से घर में ही रहकर जंग जीतना है.
ये हमारा समाज है, ये हमारा देश है, इसलिए काम कर रहे हैं. कुछ बातें सभी के लिए स्पष्ट है. नई बीमारी है, इसलिए सबकुछ पता नहीं है. ऐसे में अनुमति लेकर, सावधानी बरतकर काम करें. थकना नहीं चाहिए, प्रयास करते रहना चाहिए.
मोहन भागवत ने कहा कि हम मनुष्य में भेद नहीं करते हैं. हमारी कोशिश है कि जरूरतमंदों तक मदद पहुंचे. प्रेम और अपनेपन के साथ काम करना होगा. इस संकट के वक्त में ठंडे दिमाग से सोचने की जरूरत है. इस संकट के वक्त में भारत दूसरे देशों की भी मदद कर रहा है. नुकसान उठाकर अमेरिका व अन्य देशों दवा भेजी गई है ताकि मदद सभी को मिलती रही.
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उन्होंने कहा कि क्वारनटीन के डर से लोग छिप रहे हैं. इससे डरने की जरूरत नहीं है. दोष रखने वाले लोग हर जगह होते हैं, लेकिन हमें जैविक तरीके से जीवन चलाना होगा.
साधुओं की हत्या पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने कहा कि पालघर की घटना को लेकर बयानबाजी हो रही है. ये कृत्य होना चाहिए क्या? कानून व्यवस्था को हाथ में लेना चाहिए क्या? ऐसा जब होता है तो पुलिस को क्या करना चाहिए? ये सारी बातें सोचने की बातें हैं.
भागवत ने कहा कि संघ ने 30 जून तक सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिया है. 130 करोड़ लोग अपने बंधू है, भारत के पुत्र हैं. इसलिए दिए जा रहे दिशा-निर्देश का पालन करना होगा. इस संकट से भविष्य में सीख लेने की जरूरत है.