अधिकारियों ने बताया कि यह मामला तब सामने आया जब अस्पताल में भर्ती कुछ अन्य मरीजों ने टॉयलेट से निकलने वाली तेज दुर्गंध की शिकायत की, इस टॉयलेट में पिछले 8 दिनों से एक शव पड़ा हुआ था.
भुसावल की रहने वाली थी महिला
जलगांव के जिला कलेक्टर अविनाश धाकने ने भी बुजुर्ग महिला की मौत की पुष्टि की. जिला कलेक्ट्रेट के अधिकारियों ने कहा कि यह सच है कि उनका शव सिविल अस्पताल के टॉयलेट में पड़ा हुआ था. दरवाजा अंदर से बंद था.
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अधिकारियों ने बताया कि बुजुर्ग महिला जलगांव जिले के भुसावल शहर की रहने वाली थी, जहां उन्हें शुरू में रेलवे द्वारा संचालित स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें 1 जून को जलगांव के सिविल अस्पताल में शिफ्ट किया गया और अगले दिन वह कोरोना वायरस पॉजिटिव निकलीं.
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उन्होंने कहा कि हालांकि, जब उनके रिश्तेदारों ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पूछताछ करने के लिए अस्पताल से संपर्क किया, तो उन्हें बताया गया कि वे उसका पता लगाने में असमर्थ हैं. तब परिवार के सदस्यों ने इसकी सूचना जलगांव के पेठ पुलिस स्टेशन को दी, लेकिन इससे ज्यादा मदद नहीं मिली.
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बीजेपी नेता ने लगाए आरोप
सिविल अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि बेकार सीसीटीवी कैमरों ने पुलिस के लिए और अधिक मुश्किलें खड़ी कर दीं. लेकिन वार्ड नंबर 7 के टॉयलेट से निकलने वाली दुर्गंध के कारण बुजुर्ग महिला का शव वहां से बरामद किया जा सका.
बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मंत्री गिरीश महाजन, जिन्होंने पहले जलगांव जिला अभिभावक मंत्री के रूप में काम किया था, ने कहा कि यह घटना अस्पताल की खराब स्थिति और अस्पताल के कर्मचारियों के लापरवाह रवैये को दर्शाती है. हमने कुछ दिन पहले हुई बैठकों में जलगांव सिविल अस्पताल के खराब प्रबंधन का मुद्दा उठाया था, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया.
बीजेपी नेता महाजन ने निराशा जताते हुए कहा कि महिला का शव 8 दिनों तक शौचालय में पड़ा रहा. इसका मतलब यह भी है कि अस्पताल के कर्मचारी इसे नियमित रूप से साफ नहीं करते हैं. पुलिस भी उसे खोजने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं करने के लिए समान रूप से जिम्मेदार है.