देश की राजधानी दिल्ली में अचानक कोरोना वायरस मामलों में आए उछाल के साथ-साथ कंटेनमेंट जोन की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली में सिर्फ सितंबर के महीने में 1,385 से ज्यादा कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं.
दिल्ली सरकार की हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक 25 सितंबर तक पूरी दिल्ली में 2,231 एक्टिव कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं. दिल्ली में पिछले 10 दिनों में 561 नए कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं.
'आजतक' को मिली जानकारी के मुताबिक 27 सितंबर तक सबसे ज्यादा दिल्ली के दक्षिण-पश्चिमी जिले में 388 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. वहीं दिल्ली के उत्तरी पश्चिमी जिले में 244 कंटेनमेंट जोन हैं. जुलाई से लेकर सितंबर तक इन दोनों जिलों में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं और यहां बड़ी संख्या में इलाकों को सील किया गया.
अब तक 3,760 कंटेनमेंट जोन
इसके अलावा उत्तरी दिल्ली में 221, पश्चिमी दिल्ली में 241, पूर्वी दिल्ली में 129, शाहदरा में 161, सेंट्रल दिल्ली में 217, दक्षिणी पूर्वी दिल्ली में 122, नई दिल्ली में 195, दक्षिणी दिल्ली में 227 और उत्तरी पूर्वी दिल्ली में 86 कंटेनमेंट जोन हैं.
कोरोना की शुरुआत से अब तक दिल्ली में कुल 3,760 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं, जिनमें से 1,529 को डीकंटेन किया जा चुका है. जबकि 536 कंटेनमेंट जोन को आने वाले दिनों में मुक्त किया जा सकता है.
आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में कोरोना की दस्तक के बाद 20 जून 2020 तक कंटेनमेंट जोन की कुल संख्या 262 थी और 21 जून के बाद से 25 सितंबर तक पूरी दिल्ली में 3,426 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं.
हमारी खास रणनीतिः स्वास्थ्य मंत्री
कंटेनमेंट जोन की लगातार बढ़ती संख्या को स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक खास रणनीति बताया. जैन ने कहा कि हमने जो स्ट्रैटेजी अपनाई है, उसके अनुसार, टेस्ट को 3 गुना कर दिया और जो भी पॉजिटिव आ रहे हैं. उन्हें छोटे-छोटे कंटेंमेंट जोन बनाकर वहां आइसोलेट कर रहे हैं. हमें पता था कि दो-चार हफ्ते तक इसे इसी तरीके से अपनाना पड़ेगा, फिर डाउनफॉल आएगा और इसका असर अब साफ दिख रहा है.
कोरोना से निपटने के लिए रणनीति बदलने के सवाल पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि "कोरोना को लेकर हमने रणनीति पहले ही बदल दी है. उसी के अनुसार, बड़े स्तर पर टेस्ट किया और टेस्टिंग को 60 हजार तक पहुंचाया. यह बहुत बड़ा बदलाव था और यह इसीलिए किया गया कि जो भी पॉजिटिव केस है, उसे ढूंढा जाए और उसे कंटेन किया जा सके"
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने 1 अगस्त को कंटेनमेंट जोन में री-मैपिंग और री-डिजाइनिंग की प्रक्रिया शुरू की थी, तब कंटेंनमेंट ज़ोन की संख्या 716 से घटकर 496 रह गई थी. दिल्ली में जुलाई से पहले कंटेनमेंट जोन का दायरा काफी बड़ा था, बड़ा इलाका सील होने की वजह से हजारों की संख्या में लोग प्रतिबंध से प्रभावित थे. इसके बाद कंटेंनमेंट ज़ोन का दायरा छोटा कर दिया गया था.