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NE की पहली कोरोना मरीज का इलाज सफल, पर आइशोलेसन से मानसिक तनाव में

इंग्लैंड की यात्रा करने वाली मणिपुर की 23 साल की महिला पिछले महीने 23 मार्च को कोरोना पॉजिटिव पाई गई और उसे जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (JNIMS) के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया.

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पूर्वोत्तर भारत की पहली कोरोना मरीज का इलाज सफल (फाइल-PTI)
पूर्वोत्तर भारत की पहली कोरोना मरीज का इलाज सफल (फाइल-PTI)

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  • तनाव के कारण डिस्चार्जिंग को लेकर आज होगा फैसला
  • दिल्ली जमात में शामिल शख्स का अभी इलाज चल रहा
कोरोना वायरस के देशभर में तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कुछ अच्छी खबरें भी आ रही हैं. पूर्वोत्तर भारत की पहली कोरोना मरीज का सफलतापूर्वक इलाज किया गया है.

अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर की 23 साल की एक महिला जो पिछले महीने कोरोना वायरस पॉजिटिव पाई गई थी, का इलाज कर लिया गया है. पूर्वोत्तर भारत में कोरोना का यह पहला केस था.

इंग्लैंड की यात्रा करने वाली यह महिला 23 मार्च को कोरोना पॉजिटिव पाई गई और उसे जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (JNIMS) के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया.

राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री एल जयंतकुमार सिंह ने कहा कि महिला की अंतिम टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है और वह इस खतरनाक वायरस से पूरी तरह मुक्त हो गई है. मंत्री ने कहा कि सामान्य रूप से पूरे चिकित्सा विभाग और विशेष रूप से जेएनआईएमएस के डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है.

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4 अप्रैल को निगेटिव आई रिपोर्ट

जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक थो भीमो ने कहा कि 4 अप्रैल को पहली बार उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई, फिर एक और पुष्टिकरण टेस्ट रिपोर्ट भी निगेटिव आई. इस तरह से वह अब पूरी तरह से ठीक हो गई है.

हालांकि, वह लंबे समय से आइशोलेसन में रहने के कारण मानसिक तनाव से गुजर रही है, इसलिए उसे अस्पताल से छुट्टी देने के बारे में फैसला आज मंगलवार को लिया जाएगा. थो भीमो ने कहा कि उसे हर दिन जरूरी सलाह दी जाएगी ताकि उसके मानसिक स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो.

राज्य के अन्य कोरोना मरीज, 65 वर्षीय एक शख्स जो दिल्ली के निजामुद्दीन में एक धार्मिक समागम (जमात) में शामिल हुए थे, उनका अभी क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (RIMS) में इलाज चल रहा है.

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