दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने मंगलवार को राजधानी में वीकेंड कर्फ्यू (weekend curfew) का ऐलान कर दिया. DDMA ने यह फैसला दिल्ली में COVID ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) द्वारा येलो अलर्ट जारी करने के एक हफ्ते बाद लिया. इस फैसले के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए एक बार फिर लॉकडाउन लगाया जाएगा.
2020 में दिल्ली में पूरे देश समेत लॉकडाउन लगाया गया था. हालांकि, 2021 में प्रतिबंधों को धीरे धीरे बढ़ाया गया था. दूसरी लहर में जब दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गई थीं, तब आप सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ा था. आईए देखते हैं कि कैसे पिछली दो कोरोना की लहरों में राजधानी दिल्ली में प्रतिबंध लगाए गए.
पहली लहर :
दिल्ली में पहली लहर में पूरे देश के साथ लॉकडाउन लगाया गया था. पीएम मोदी ने 22 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान किया था. यह 18 मई तक था. इसके बाद धीरे धीरे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई थी.
दूसरी लहर:
2021 में अप्रैल के पहले हफ्ते से कोरोना के केस बढ़ने शुरू हुए थे. यह अप्रैल के आखिरी तक खतरनाक हो गया था. इसके बाद दिल्ली सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाना शुरू किया था. बाद में लॉकडाउन भी लगाना पड़ा था.
6 अप्रैल 2021 को लगा था नाइट कर्फ्यू
दिल्ली में 6 अप्रैल 2021 को नाइट कर्फ्यू लगाया गया था. दिल्ली में उस वक्त एक दिन में 3548 केस मिले थे. 15 लोगों की मौत कोरोना से हुई थी. उस वक्त दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 5.5% था.
15 अप्रैल को लगा था वीकेंड कर्फ्यू
नाइट कर्फ्यू के अलावा दिल्ली में 15 अप्रैल 2021 को वीकेंड कर्फ्यू का ऐलान किया गया था. इसी के साथ दिल्ली में शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक सभी गैर जरूरी सेवाओं को बंद कर दिया गया था. 15 अप्रैल को दिल्ली में 16,699 केस मिले थे. इस दौरान 112 लोगों की मौत कोरोना से हुई थी. पॉजिटिविटी रेट 20.22 था. इससे एक दिन पहले दिल्ली में 17,282 केस आए थे. वीकेंड कर्फ्यू के साथ साथ दिल्ली में सिनेमा हॉल, मैरिज हॉल को लेकर भी तमाम प्रतिबंधों का ऐलान किया गया था.
19 अप्रैल को लगा था लॉकडाउन
वीकेंड कर्फ्यू के चार दिन बाद 19 अप्रैल को दिल्ली में लॉकडाउन लगाया गया था. इस दिन दिल्ली में एक दिन में 23,600 केस सामने आए थे. वहीं, 240 लोगों की मौत हुई थी. पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 26.12% पर पहुंच गया था.
लॉकडाउन के चलते दिल्ली में बाजार, मॉल, सिनेमा हॉल, जिम सभी बंद कर दिए गए थे. प्राइवेट दफ्तर भी पूरी तरह से वर्क फ्रॉम कर दिए गए थे. इसके अलावा सभी राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर भी रोक लगा दी गई थी.
क्या कहते हैं कोरोना की तीसरी लहर के ट्रेंड्स
दिल्ली में नई साल आते ही कोरोना के केस भी तेजी से बढ़े हैं. 28 दिसंबर की तुलना में दिल्ली में 11 गुना ज्यादा केस मिल रहे हैं. ओमिक्रॉन वैरिएंट कोरोना के बढ़ने की मुख्य वजह बताया जा रहा है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक, दिल्ली में कुल केसों के 80% केस ओमिक्रॉन के हैं. दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे केसों के चलते प्रतिबंध लगाए गए हैं.
27 दिसंबर को लगा नाइट कर्फ्यू
दिल्ली में 27 नवंबर को सरकार ने नाइटकर्फ्यू का ऐलान किया. इसके तहत दिल्ली में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक सभी सेवाएं बंद रहेंगी. इस दिन दिल्ली में कोरोना के 331 केस सामने आए थे. पॉजिटिविटी रेट भी 0.68% था. 26 दिसंबर को दिल्ली में 300 केस आए थे.
28 दिसंबर को येलो अलर्ट के तहत लगाए गए प्रतिबंध
COVID GRAP के तहत दिल्ली में 28 दिसंबर को येलो अलर्ट के तहत प्रतिबंध लगाए गए. इस दिन दिल्ली में 496 केस सामने आए. इस दौरान कोरोना से एक व्यक्ति की मौत भी हुई.
4 जनवरी को लगा वीकेंड कर्फ्यू
डीडीएमए ने मंगलवार को कोरोना पर हुई बैठक के बाद वीकेंड कर्फ्यू का ऐलान किया. दिल्ली में पिछले 1 हफ्ते में 8 गुना कोरोना के केस बढ़े. इसके अलावा पॉजिटिविटी रेट लगातार चिंता बढ़ा रहा है.
दिल्ली में 4 जनवरी को कोरोना के 5500 नए केस सामने आए हैं. तीन लोगों की इस दौरान मौत हुई है. पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 8.37% पर पहुंच गया है. कोरोना केस और पॉजिटिविटी रेट एक बार फिर 2021 की कहानी दोहराने की ओर इशारा कर रहे हैं. हालांकि, दिल्ली वालों के लिए सिर्फ एक राहत की बात है कि इस बार दिल्ली में न तो डेथ रेट बढ़ा रहा, न ही अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या.
यहां तक की दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली में लॉकडाउन की संभावना को नकार दिया. उन्होंने कहा, वीकेंड कर्फ्यू को लॉकडाउन से पहले के कदम के तौर पर न देखा जाए. नए प्रतिबंध मजदूरों के हितों को ध्यान में रखकर लिए गए हैं.