देश में कोरोना के नए वैरिएंट XE की वजह से एक्सपर्ट की चिंता बढ़ गई है. अभी तक मुंबई और गुजरात में इस वैरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं. अब इस चिंता के बीच स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि ये कोई नया वैरिएंट नहीं है, बल्कि ओमिक्रॉन का ही सब-वैरिएंट है.
XE Variant पर मंडाविया की जानकारी
मंडाविया ने जानकारी दी है कि इस साल जनवरी में भी इस वैरिएंट का एक मामला मिला था. उनकी माने तो कोरोना के मामले अब कम होने लगे हैं, लेकिन ये सब वैरिएंट धीरे-धीरे फैल रहा है. अभी के लिए सरकार द्वारा हर हफ्ते स्थिति की समीक्षा की जा रही है. इस बात पर जोर दिया गया है कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है, बच्चों की वैक्सीन भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद है. मंडाविया ने भरोसा दिलाया है कि आने वाले दिनों में वैक्सीन के दाम और ज्यादा कम हो जाएंगे.
वर्तमान स्थिति की बात करें तो देश में कोरोना के मामले कम हो गए हैं. टीकाकरण भी 99 फीसदी लोगों का हो चुका है. अब 18 प्लस वाली आबादी के लिए भी बूस्टर डोज का प्रावधान कर दिया है. अब इस सब पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्हें इस बात पर गर्व है कि कोरोना काल में भारत ने प्रभावी तैयारी के दम पर पूरी दुनिया को एक उदाहरण पेश किया है.
टीकाकरण पर क्या बोले मंडाविया?
मंडाविया कहते हैं कि भारत सरकार ने कोविड मैनेजमेंट और vaccination ड्राइव चलाई. ये एक नागरिक के रूप में आपके लिए, मेरे लिए और देश के लिए गौरव का विषय है. पहले स्थिति ये थी कि कुछ अच्छा होता है तो वो दुनिया में ही होता है और उसका भारत में उदाहरण दिया जाता था. लेकिन मैं परसो जेनेवा में एक वैक्सीन ग्लोबल एलियंस की बैठक में भाग लेकर आया. दुनिया ने जिस तरह से भारत के कोरोना प्रबंधन और टीकाकरण अभियान को देखा है कि किस तरह से एक दिन में 2.5 करोड़ डोज लगाई गई.
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक 10 दिन ऐसे थे जब 1 करोड़ से ज्यादा वेक्सीन एक ही दिन में लगाई गई थीं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के दिन ढाई करोड़ वेक्सीन लगाई थी जिस पर दुनिया आश्चर्य चकित रह गई.
वैक्सीन पर हुई राजनीति से खफा
वहीं क्योंकि कोरोना काल में भारत ने खुद की स्वदेशी वैक्सीन विकसित की थी, इस बात पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने विस्तार से बात की है. वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे वैज्ञानिकों पर भरोसा किया, उनको फंड दिया,सुविधाएं दी नियमों में संशोधन किया,रिसर्च करने वालों को प्रोत्साहित किया. खुद प्रधानमंत्री मोदी ने वेक्सीन लगवाई. हेल्थ वर्कर को सबसे पहले वेक्सीन दिया. फेज वाइज वेक्सीन मुहैया कराई. वेक्सीन लगाने के लिए मेन्युफेक्चरिंग यूनिट से लेकर उसका ट्रांसपोर्टेशन उसकी उपलब्धता सुनिश्चित करवाई गई.
मनसुख मंडाविया के मुताबिक देश में टीकाकरण को लेकर खूब राजनीति हुई थी. इसे मोदी की वैक्सीन तक बता दिया गया था. लेकिन क्योंकि सरकार को लोगों को बचाना था, देश को बचाना था, ऐसे में किसी भी तरह की राजनीति पर ध्यान नहीं दिया गया.