Coronavirus Omicron Mutation: चीन से निकला कोरोना का संक्रमण ढाई साल बाद भी आफत बना हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, बीते हफ्ते दुनियाभर में कोरोना के 37 लाख मामले सामने आए हैं और 9 हजार मौतें हुईं हैं. हालांकि, WHO ने ये भी बताया कि जनवरी में पीक के बाद से कोरोना के नए मामलों और मौतों में गिरावट आ रही है.
WHO के मुताबिक, दुनिया में सिर्फ दो रीजन अमेरिका और वेस्टर्न पैसिफिक में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. वहीं, मिडिल ईस्ट में मौतों की संख्या 30% बढ़ी है. बाकी सभी जगह कोरोना का संक्रमण या तो स्थिर है या फिर मामलों में कमी आ रही है.
WHO ने बताया कि ओमिक्रॉन के सभी सब वैरिएंट्स को 'वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न' के रूप में ट्रैक कर रहा है. एजेंसी ने बताया कि जिन देशों में BA.2 की वजह से नई लहर आई थी, वहां BA.4 और BA.5 का कम असर देखने को मिला है.
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जून में ओमिक्रॉन में फिर म्यूटेशन होगा!
डरबन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ क्वाजुलु-नताल यूनिवर्सिटी में इन्फेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट सलीम अब्दुल करीम ने न्यूज एजेंसी से कहा कि साउथ अफ्रीका में BA.4 और BA.5 की वजह से आई नई लहर अब थमती दिख रही है. पिछले साल नवंबर में साउथ अफ्रीका में ही ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया था.
करीम ने आशंका जताई है कि जून में ओमिक्रॉन में म्यूटेशन हो सकता है. उन्होंने कहा कि चूंकि ओमिक्रॉन में अब तक कई म्यूटेशन हो चुके हैं, इसलिए इस बात की आशंका है कि इसमें अभी और म्यूटेशन हो सकते हैं.
चीन में अब भी बिगड़ रहे हालात
चीन में कोरोना से हालात अब भी बिगड़ रहे हैं. वहां अब भी करोड़ों लोग किसी न किसी पाबंदी में जी रहे हैं. इसी बीच राजधानी बीजिंग में अधिकारियों ने कर्मचारियों और छात्रों को घर पर ही रहने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही सोमवार से वहां मास टेस्टिंग भी शुरू होगी.
बीजिंग के कई रिहायशी इलाकों में लोगों की आवाजाही को बंद कर दिया गया है. हालांकि, जितना सख्त लॉकडाउन शंघाई में लगा है, वैसी पाबंदियां अभी दूसरे शहरों में नहीं है. शंघाई में पिछले दो महीने से करोड़ों लोग सख्त पाबंदियों में रह रहे हैं.
चीन अब भी 'जीरो कोविड पॉलिसी' पर ही जोर दे रहा है. जबकि, WHO कह चुका है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जीरो कोविड पॉलिसी ज्यादा असरदार नहीं है.