कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. क्या आम, क्या खास, लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल रहा है, जिसकी वजह से मौतों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. कानपुर में एक जिला जज को एक निजी अस्पताल में इलाज नहीं मिल पाया. वे नारायणा अस्पताल में बुधवार को इलाज कराने पहुंचे थे.
निजी अस्पताल में नहीं मिला जिला जज को इलाज
इस पूरे मामले को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार मिश्रा ने नारायणा अस्पताल के खिलाफ पनकी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. बताया जा रहा है कि सीएमओ बुधवार सुबह 11 बजे जिला जज को पनकी थाना क्षेत्र में स्थित नारायणा अस्पताल इलाज के लिए लेकर गए थे. इस दौरान सीएमओ और जिला जज दोनों ही अस्पताल की लिफ्ट में फंस गए. काफी देर तक लिफ्ट में फंसने के बाद किसी तरह बाहर निकले तो अस्पताल प्रशासन की तरफ से उनके पास कोई मिलने तक नहीं आया और न ही अस्पताल प्रशासन की तरफ से उनकी कोई सहायता की गई.
सीएमओ ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर
इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल में सेवाओं को दुरुस्त करने का निर्देश दिया और लापरवाही को बरतने पर नारायणा हॉस्पिटल के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई करने का आदेश दिया. मौके पर मौजूद कई लोगों ने सीएमओ को बताया कि यहां की स्थिति बेहद खराब है मरीजों को देखने डॉक्टर तक नहीं आते. यहां पर नर्स और कंपाउंडर के भरोसे ही इलाज चल रहा है.
पुलिस मामले की जांच में जुटी
कानपुर जनपद के डीसीपी वेस्ट संजीव त्यागी ने बताया कि जिला जज कोरोना पीड़ित हैं, सीएमओ कानपुर नगर उन्हें नारायणा अस्पताल में भर्ती कराने के लिए साथ लेकर आए थे. अस्पताल की अव्यवस्थाओं को देखकर दोनों अधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त की. सीएमओ की तरफ से थाना पनकी पर तहरीर दी गई है. जिसके आधार पर अभियुक्त को पंजीकृत किया जा रहा है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने इस मामले में एक डॉक्टर से पूछताछ की है. इधर जिला जज को शहर के चांदनी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है.