गुजरात में कोरोना के मरीजों की तादाद को कम करने के लिए कम टेस्टिंग की जा रही है? यह सवाल पिछले एक हफ्ते में हुए कोरोना के टेस्ट के आंकड़े को देखकर उठने लगा है. दरअसल, गुजरात सरकार ने अब तक कोरोना के टेस्ट को लेकर जो आंकडे़ अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर डाले हैं, वह दिन-ब-दिन घटते जा रहे हैं.
गुजरात सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 17 मई से 24 मई तक हर रोज औसतन 5 हजार कोरोना टेस्ट किए जा रहे थे, लेकिन 25 मई को 3492 और 26 मई को 2952 टेस्ट किए गए. कांग्रेस बार-बार आरोप लगा रही है कि गुजरात सरकार कोरोना को फैलने से रोकने की जगह पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है.
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गुजरात सरकार के आंकड़ों के मुताबिक
तारीख- टेस्ट- पॉजिटिव
17/5/2020- 5193- 391
18/5/2020- 5224- 366
19/5/2020- 5851- 395
20/5/2020- 6098- 398
21/5/2020- 5381- 371
22/5/2020- 6410- 363
23/5/2020- 5505- 393
24/5/2020- 4801- 394
25/5/2020- 3492- 405
26/5/2020- 2952- 361
कांग्रेस ने साधा निशाना
कोरोना टेस्ट कम होने पर कांग्रेस के प्रवक्ता जयराज सिंह परमार का कहना है कि सरकार ने प्राइवेट लैब पर पाबंदी लगाई है. अब प्राइवेट लैब को टेस्ट करने से पहले सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है. कोरोना के आंकड़े ज्यादा ना दिखे, इसलिए सरकार ने टेस्टिंग कम कर दी है. ये मानवाधिकार का ही हनन है.
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एसोसिएशन ने भी उठाए सवाल
गुजरात के प्राइवेट अस्पताल में कई ऐसे मरीज हैं, जिन्हें अलग-अलग बीमारी है, लेकिन कोरोना टेस्ट न होने के कारण उनका इलाज नहीं हो पा रहा है. अहमदाबाद हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर भरत गढ़वी ने आरोग्य सचिव जयंति रवि को एक लेटर भी लिखा है और पूछा कि प्राइवेट लैब में टेस्ट क्यों बंद किया गया है.
डॉक्टरों पर कोरोना का खतरा
डॉक्टर भरत गढ़वी का कहना है कि प्राइवेट लैब में टेस्ट होने से काफी फायदा होता था. मरीजों की रिपोर्ट जल्दी आ जाती थी और उसके बाद उसकी लाइन ऑफ ट्रीटमेन्ट हम तय कर पाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है. अगर किसी मरीज को कोरोना है तो पूरी मेडिकल टीम को बाद में क्वारनटीन होना पड़ेगा.