कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन लागू है. इस माहौल में देश के अलग-अलग सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इस वजह से कर्मचारियों की नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. बीते कुछ दिनों में लगातार छंटनी की खबरें आ रही हैं. अब खबर है कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी 1000 कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की खबर के मुताबिक कोरोना संकट की वजह से डिमांड में 60 फीसदी की गिरावट आई है. रिपोर्ट के मुताबिक स्विगी ने इसकी पुष्टि भी कर दी है लेकिन कंपनी ने कर्मचारियों की संख्या का खुलासा नहीं किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी किराए को कम करने के लिए अपने क्लाउड किचन के आधे हिस्से को बंद कर सकती है.
80 हजार करोड़ का नुकसान
स्विगी की ओर से छंटनी की खबर ऐसे समय में आई है जब नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने बड़े नुकसान की आशंका जाहिर की है. NRAI के अनुमान के मुताबिक जोमैटो-स्विग्गी जैसे डिलीवरी चेन का कारोबार घटकर 90 फीसदी पर आ गया है. अनुमान है कि कोरोना की वजह से उसके 5 लाख सदस्यों को साल 2020 में 80 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.
किराये की मार
बता दें कि देश में 90 फीसदी रेस्टोरेंट लीज पर ली हुई जगह में चलते हैं. करीब 20 फीसदी ऐसे संगठित रेस्टोरेंट मॉल्स में हैं. इसके अलावा बाकी शहरों के मुख्य इलाकों की सड़कों पर हैं. इन रेस्टोरेंट को अपनी आमदनी का 15 से 30 फीसदी तक किराया देना होता है.
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मॉल में चलने वाले रेस्टोरेंट को अतिरिक्त 5 से 6 फीसदी का मेंटेनेन्स चार्ज देना होता है. यह मेंटेनेन्स चार्ज कई बार 3000 वर्ग फुट के रेस्टोरेंट के लिए 2.5 लाख महीना तक हो जाता है. लुल्लू ग्रुप, लोढ़ा ग्रुप, फोरम और वेगास जैसे कई बड़े मॉल मालिकों ने कुछ समय के लिए किराया माफ कर दिया है.