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Corona in India: दिल्ली से मुंबई तक शहर-शहर बेकाबू हो रहा कोरोना, बच्चे भी हो रहे संक्रमित, जानिए एक्सपर्ट क्या दे रहे सलाह

Coronavirus in India: देश में कोरोना की रफ्तार बढ़ती जा रही है. दिल्ली से लेकर मुंबई तक हालात बेकाबू हो चले हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस लहर में मरीजों में गंभीर बीमारी नहीं हो रही है, लेकिन फिर भी मास्क पहनना और दूरी बनाए रखना जरूरी है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

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एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुछ लोग लक्षण होने के बावजूद घूम रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. (फाइल फोटो-PTI)
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुछ लोग लक्षण होने के बावजूद घूम रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 7% से ज्यादा
  • मुंबई में संक्रमण दर 13 फीसदी के पार
  • संक्रमण रोकने के लिए मास्क पहनना जरूरी

Coronavirus in India: देश में कोरोना की चौथी लहर का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. हफ्तेभर से रोजाना औसतन 10 हजार से ज्यादा नए संक्रमित सामने आ रहे हैं. इससे एक्टिव केसेस का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. अभी देश में 81 हजार से ज्यादा मरीज ऐसे हैं, जो कोरोना का इलाज करवा रहे हैं.

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स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 24 घंटे में देशभर में कोरोना के 12 हजार 249 नए मामले सामने आए हैं और 13 मरीजों की मौत हुई है. सबसे ज्यादा 3 हजार 659 मरीज महाराष्ट्र में मिले हैं. इसके बाद केरल में 2 हजार 609, दिल्ली में 1 हजार 383, कर्नाटक में 783 और तमिलनाडु में 737 मामले सामने आए हैं. 24 घंटे में देश में जितने नए मरीज मिले हैं, उनमें से 75 फीसदी इन्हीं पांच राज्यों से हैं. वहीं, एक्टिव केसेस की संख्या 81 हजार 687 पर आ गई है. 

देश के लगभग सभी राज्यों में कोरोना के मामलों में तेजी आ रही है. दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल हॉटस्पॉट बने हुए हैं. एक चिंता की बात ये भी है कि अब बच्चों में भी संक्रमण बढ़ रहा है. 

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राजधानी में मंगलवार को कोरोना के 1 हजार 383 नए मामले सामने आए और एक मरीज की मौत हो गई. यहां पॉजिटिविटी रेट 7.22 फीसदी पर आ गया. कई दिनों से यहां संक्रमण दर 5 फीसदी के ऊपर बनी हुई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जब पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से ज्यादा हो जाता है, तो माना जाता है कि संक्रमण बेकाबू हो गया है. हालांकि, राहत की बात ये है कि अब भी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है. दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए 9 हजार 491 बेड रिजर्व हैं, जिनमें से 264 पर मरीज भर्ती हैं. वहीं, कोविड केयर सेंटर और कोविड हेल्थ सेंटर में अभी सारे बेड खाली हैं.

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दिल्ली के बाद मुंबई में भी हालात खराब हो रहे हैं. यहां मंगलवार को 1 हजार 781 नए मामले सामने आए और एक मौत हो गई. यहां संक्रमण दर 13 फीसदी से ज्यादा है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 1 हजार 781 नए संक्रमितों से सिर्फ 87 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और इनमें से 17 को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. मुंबई में अभी कुल 83 मरीज ऐसे हैं जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.

इनके अलावा उत्तर प्रदेश में भी एक हफ्ते में नए मरीजों की संख्या 95% तक बढ़ गई है. यूपी में 14 जून को 286 मामले सामने आए थे, जबकि 21 जून को 487 नए मामले सामने आए. अकेले नोएडा में ही 24 घंटे में 125 नए संक्रमित मिले हैं. अब यूपी में एक्टिव केसेस की संख्या 2 हजार 935 हो गई है. सबसे ज्यादा 618 एक्टिव केस लखनऊ में हैं. इसके बाद 606 एक्टिव केस गौतम बुद्ध नगर और 315 एक्टिव केस गाजियाबाद में हैं.

लेकिन क्यों बढ़ रहे हैं मामले?

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट्स को जिम्मेदार माना जा रहा है. इस समय देश में ओमिक्रॉन के चार सब-वैरिएंट्स संक्रमण बढ़ा रहे हैं. इनमें BA.2, BA.2.38, BA.4 और BA.5 है. 

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ये चारों सब-वैरिएंट्स कोरोना के बाकी वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक हैं. हालांकि, राहत की बात ये है कि इनमें गंभीर बीमारी का खतरा ज्यादा नहीं है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादातर संक्रमित दो से तीन दिन में ही ठीक भी हो जा रहे हैं. 

जिनोम सिक्वेंसिंग करने वाली संस्था INSACOG से जुड़े सूत्रों ने हाल ही में न्यूज एजेंसी को बताया था कि 60% मामलों में BA.2, 33% मामलों में BA.2.38 और 10% से भी कम मामलों में BA.4 और BA.5 सब-वैरिएंट मिला है. 

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चौथी लहर से कैसे बचा जाए?

कई एक्सपर्ट्स कोरोना की इस नई लहर को 'हल्की लहर' मान रहे हैं. उसका कारण ये है कि इस लहर में जो संक्रमित हो रहे हैं, उनमें हल्के लक्षण हैं और वो दो से तीन दिन में ठीक भी हो जा रहे हैं. ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है.

हालांकि, एक्सपर्ट्स ये भी कहते हैं कि भले ही कोरोना की नई लहर में गंभीर बीमारी नहीं हो रही है, लेकिन फिर भी सारे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है. मास्क पहनकर रखना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना जरूरी है. 

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दिल्ली स्थित अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरनजीत चटर्जी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि एक हफ्ते से लगातार मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन अभी घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है. इसके अलावा बहुत कम मरीज ऐसे हैं जिन्हें गंभीर बीमारी हो रही है. उन्होंने बताया कि बुजुर्ग और पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है.

डॉ. चटर्जी ने आगे कहा कि कि हमें इस महामारी के साथ जीना सिखना होगा, लेकिन सारे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना भी जरूरी है, खासकर मास्क पहनकर रखना होगा. उन्होंने कहा कि जिस किसी भी व्यक्ति को कोई भी लक्षण है तो उसे तुरंत आइसोलेट होने की जरूरत है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.

दिल्ली के LNJP अस्पताल में डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. रितु सक्सेना का कहना है कि ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिनमें कोरोना के लक्षण हैं या फिर वो एसिम्टोमैटिक हैं, लेकिन फिर भी वो आराम से बाजारों में घूम रहे हैं, ऑफिस जा रहे हैं, जिससे संक्रमण फैल रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि ज्यादातर लोग ऐसे भी हैं जो एंटीजन टेस्ट या सेल्फ किट से टेस्ट कर रहे हैं, जो भी संक्रमण फैलने का कारण है.

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