Coronavirus Omicron BA.2.75: कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट में फिर से म्यूटेशन हुआ है और इसका एक नया सब-वैरिएंट सामने आया है. इजरायली वैज्ञानिक ने ट्विटर पर दावा किया है कि भारत में ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट BA.2.75 पाया गया है. उन्होंने दावा किया कि BA.2.75 के मामले भारत के अलावा 7 और देशों में सामने आए हैं. हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि अभी डरने या घबराने की जरूरत नहीं है.
ओमिक्रॉन वैरिएंट पिछले साल नवंबर में साउथ अफ्रीका में सामने आया था. ओमिक्रॉन अब तक का सबसे संक्रामक वैरिएंट है, हालांकि बाकी वैरिएंट्स की तुलना में इसे थोड़ा कम गंभीर माना जाता है. ज्यादा संक्रामक होने की वजह से इसमें बार-बार म्यूटेशन भी हो रहा है, जिससे इसके अलग-अलग सब-वैरिएंट्स सामने आ रहे हैं.
भारत में बढ़ रहे कोरोना के मामलों के लिए ओमिक्रॉन और उसके सब-वैरिएंट्स को ही जिम्मेदार माना जा रहा था. सरकार का कहना था कि ओमिक्रॉन के चार सब-वैरिएंट्स- BA.2, BA.2.38, BA.4 और BA.5 संक्रमण बढ़ा रहे हैं. लेकिन अब एक और नया सब-वैरिएंट BA.2.75 सामने आने से टेंशन बढ़ गया है.
भारत में BA.2.75 के कितने मामले?
- इजरायली वैज्ञानिक डॉ. शे फ्लिशॉन ने ट्विटर पर दावा किया भारत समेत दुनिया के 8 देशों में BA.2.75 के 85 केस सामने आए हैं. भारत के 10 राज्यों में इसके 69 केस मिले हैं.
- उन्होंने ट्वीट कर बताया कि 2 जुलाई तक महाराष्ट्र में 27, पश्चिम बंगाल में 13, दिल्ली, जम्मू और यूपी में 1-1, हरियाणा में 6, हिमाचल में 3, कर्नाटक में 10, मध्य प्रदेश में 5 और तेलंगाना में 2 मामले सामने आ चुके हैं.
- डॉ. फ्लिशॉन ने ट्विटर पर लिखा कि ये पहली बार है जब सेकंड जनरेशन वैरिएंट के मामले उस देश के बाहर सामने आए हैं, जहां ये डिटेक्ट हुआ था.
- उन्होंने ये भी लिखा कि BA.2.75 अगला डोमिनेंट वैरिएंट होता है या नहीं, इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा, लेकिन इससे आने वाले समय में मामले बढ़ सकते हैं.
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कितना खतरनाक है ये?
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कोच्चि में रिसर्च सेल के हेड डॉ. राजीव जयदेवन ने आजतक को बताया कि BA.2.75 के अभी बहुत कम मामले सामने आए हैं और इसका डेटा भी काफी कम है, लेकिन वैज्ञानिकों को इसमें रूचि है क्योंकि इसे 'सेकंड जनरेशन वैरिएंट' कहा जा रहा है.
- उन्होंने बताया कि कोई भी वायरस दो तरह से आगे बढ़ता है. एक सीधे स्केल की तरह, जिसमें धीरे-धीरे वायरस बढ़ता है और दूसरा कि उसमें कई सारे म्यूटेशन को जगह देने वाला कोई वैरिएंट आ जाए. ओमिक्रॉन ऐसा ही वैरिएंट है.
- उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें ये देखने की जरूरत है कि ये कैसा बर्ताव करता है? उदाहरण के लिए क्या ये मौजूदा वैरिएंट्स को तेजी से रिप्लेस कर रहा है? क्या ये मौजूदा वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल रहा है? और क्या ये एक नई तरह की बीमारी या लक्षण पैदा कर रहा है?
- उन्होंने कहा कि 6 महीने में हमने देखा है कि वायरस खुद को जिंदा रखने के लिए तेजी से बदल रहा है. आप पहले संक्रमित हो चुके हो या बूस्टर डोज ले चुके हो या चौथी डोज भी क्यों न ले चुके हो, वायरस फिर से शिकार बना रहा है. उन्होंने कहा कि अभी मास्क और इनडोर वेंटिलेशन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
क्या चिंता की बात है कोई?
- इन्फेक्शियस डिसीज स्पेशियलिस्ट डॉ. ईश्वर गिलाडा ने बताया कि BA.2.74, BA.2.75 और BA.2.76 ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट्स हैं. इन तीनों में सबसे ज्यादा मामले BA.2.75 के ही सामने आए हैं.
- उन्होंने बताया कि देश में BA.2.38 के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. 80 फीसदी मामलों में यही सब-वैरिएंट्स मिल रहा है. जबकि, 10% में BA.2 और बाकी मामलों में BA.4, BA.5 और BA.2.75 मिल रहा है.
- उन्होंने बताया कि BA.2.75 के साथ सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि इसमें 9 म्यूटेशन हैं. ये सभी नए म्यूटेशन हैं, इसलिए ये नैचुरल इन्फेक्शन के साथ-साथ वैक्सीनेशन से बनी इम्युनिटी को भी मात दे सकता है.
- डॉ. गिलाडा ने कहा कि जब तक कोरोना मरीजों में ऑक्सीजन की मांग न बढ़ने लगे और मौतों की संख्या में बढ़ोतरी न होने लगी, तब तक चिंता करने की कोई बात नहीं है.
सरकार का क्या है कहना?
- इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से जुड़े डॉ. समीरन पांडा ने आजतक से कहा कि जब तक वायरस रहेगा, तब तक वैरिएंट्स आते रहेंगे. इसमें कुछ भी नया नहीं है. म्यूटेशन होता रहता है.
- डॉ. पांडा ने कहा कि BA.2.75 से मामले बढ़ रहे हैं, इस बारे में कहना जल्दबाजी है. पहली बात ये कि अभी कोई उछाल नहीं है, बल्कि ये छोटा सा उभार है.
- महामारी विशेषज्ञ प्रोफेसर गिरधर बाबू ने ट्वीट कर पूछा कि BA.2 और BA.2.75 जैसे ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स भारत में हैं, तो क्या यहां पर BA.5 के फैलने के कम चांसेस हैं? क्या ये आपस में भिड़ रहे हैं? वायरोलॉजिस्ट, आपको क्या लगता है?