Coronavirus in India: जा-जाकर कोरोना फिर लौटकर आ रहा है. कुछ दिन पहले ही कोरोना के मामलों में कमी आनी शुरू हुई थी, लेकिन अब एक बार फिर से इसकी रफ्तार बढ़ गई है. पॉजिटिविटी रेट 1% के पार चला गया है. नए मामले बढ़ने से एक्टिव केसे भी बढ़ने लगे हैं. 24 घंटे में एक्टिव मरीजों की संख्या 1,194 बढ़ गई है. अभी देश में एक्टिव केसे की संख्या 26,976 है.
सबसे ज्यादा मामले केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में सामने आए हैं. 24 घंटे में केरल में 1383, महाराष्ट्र में 1036 और दिल्ली में 247 मामले सामने आए हैं. यानी, देश भर में जितने नए मामले सामने आए हैं, उनमें से 70 फीसदी से ज्यादा नए मामले इन्हीं तीन राज्यों में आए हैं.
देश में कोरोना के नए मामलों में तेजी आने के पीछे ओमिक्रॉन (Omicron) के सब-वैरिएंट्स BA.4 और BA.5 को जिम्मेदार माना जा रहा है. महाराष्ट्र में 28 मई को BA.4 के चार और BA.5 के तीन मरीज सामने आए थे.
दुनियाभर में BA.4 और BA.5 की वजह से मामलों में तेजी आ रही है. दक्षिण अफ्रीका में इन्हीं दो सब-वैरिएंट्स की वजह से कोरोना की पांचवी लहर आई थी, जो अब थोड़ी धीमी पड़ रही है.
हालांकि, दोनों सब-वैरिएंट्स की गंभीरता कम है. यानी, इससे संक्रमित होने पर ज्यादातर मरीजों को गंभीर बीमारी नहीं हो रही है. फिर भी, ये दोनों सब-वैरिेएंट्स ओमिक्रॉन के पिछले सब-वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक माने जा रहे हैं. लिहाजा, इनकी वजह से देश में कोरोना की चौथी लहर का खतरा बढ़ गया है.
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जिन तीन राज्यों में बढ़ रहे केस, वहां क्या है ट्रेंड?
1. केरलः यहां 1 से लेकर 6 जून तक हर दिन हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. इन 6 दिनों में 8,237 कोरोना मरीज सामने आ चुके हैं. यहां एक्टिव मरीजों की संख्या 9,405 है.
2. महाराष्ट्रः यहां 1 जून से लेकर 6 जून तक कोरोना के 7,147 मरीज सामने आए हैं. राहत की बात ये है कि मौतों की संख्या अब भी कम ही बनी हुई है. महाराष्ट्र में 7,429 एक्टिव केसेस हैं.
3. दिल्लीः राजधानी में दो दिन से कोरोना के मामलों में कमी आ रही है, लेकिन पॉजिटिविटी रेट साढ़े तीन फीसदी के करीब पहुंच गया है. एक दिन पहले संक्रमण दर 2 फीसदी से कम थी. दिल्ली में एक्टिव केसेस की संख्या 1,349 है.
लेकिन, केस क्यों बढ़ रहे?
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स BA.4 और BA.5 को जिम्मेदार माना जा रहा है. ओमिक्रॉन के दोनों सब-वैरिएंट्स BA.2 की तरह ही हैं. देश में BA.2 की वजह से ही तीसरी लहर आई थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, BA.4 और BA.5 से अभी गंभीर बीमारी तो नहीं हो रही है, लेकिन ये ओमिक्रॉन के बाकी सब-वैरिएंट्स के मुकाबले ज्यादा संक्रामक हैं. WHO ने पिछले महीने बताया था कि दुनिया के दर्जनभर देशों में BA.4 और BA.5 के मामले सामने आए हैं और इससे कोरोना के मामलों में फिर उछाल आ सकता है.
यूरोपियन सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (ECDC) और अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) ने इन दोनों सब-वैरिएंट्स को 'वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न' यानी 'चिंताजनक' घोषित कर रखा है. WHO ने बताया था कि जिन देशों में BA.2 की वजह से नई लहर आई थी, वहां BA.4 और BA.5 का कम असर देखने को मिल रहा है.
ओमिक्रॉन के ये दोनों सब-वैरिएंट्स के मामले इस साल अप्रैल में दक्षिण अफ्रीका के कुछ इलाकों में सामने आए थे. देश में अब तक तेलंगाना, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में इन दोनों सब-वैरिएंट्स की एंट्री हो चुकी है.
राहत की बात, अस्पतालों में भर्ती की जरूरत कम
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक राहत की बात ये भी है कि अभी भी ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है.
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राजधानी में कोरोना मरीजों के लिए 9,639 बेड हैं, जिनमें से अभी सिर्फ 88 पर ही मरीज भर्ती हैं.
इसी तरह मुंबई में भी कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में 24,601 बेड रखे गए हैं और अभी 219 मरीज भर्ती हैं. यानी, दिल्ली और मुंबई में अभी भी 90% बेड खाली हैं.