Coronavirus In India: देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. 24 घंटे में कोरोना के 4,518 नए मामले सामने आए हैं. ये संख्या शनिवार की तुलना में 5.8% ज्यादा है. कोरोना के मामलों में तेजी आने के कारण एक्टिव केसेस की संख्या भी 25 हजार के पार पहुंच गई है. एक्टिव केसेस की संख्या में 24 घंटे में 1,714 का इजाफा हुआ है.
कोरोना के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि एक्सपर्ट्स ने जून में चौथी लहर आने की चेतावनी दी थी. कोरोना बढ़ते संक्रमण के पीछे ओमिक्रॉन (Omicron) के सब-वैरिएंट्स BA.4 और BA.5 को जिम्मेदार माना जा रहा है.
देश के कई राज्यों में BA.4 और BA.5 के मामले सामने आए हैं. तमिलनाडु में 12 सैम्पल्स में इन दो वैरिएंट्स की पुष्टि हुई है. तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 4 लोगों में BA.4 और 8 में BA.5 की पुष्टि हुई है. सभी को आइसोलेट कर दिया गया है. इससे पहले पिछले हफ्ते महाराष्ट्र में भी चार मरीजों में BA.4 और तीन में BA.5 की पुष्टि हुई थी.
ओमिक्रॉन के ये दोनों सब-वैरिएंट्स के मामले इस साल अप्रैल में दक्षिण अफ्रीका के कुछ इलाकों में सामने आए थे. देश में अब तक तेलंगाना, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में इन सब-वैरिएंट्स की एंट्री हो चुकी है.
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कितने खतरनाक हैं ये सब-वैरिएंट्स?
- ओमिक्रॉन के दोनों सब-वैरिएंट्स BA.2 की तरह ही है. ओमिक्रॉन के BA.2 से ही भारत में कोरोना की तीसरी लहर आई थी.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, BA.4 और BA.5 से अभी गंभीर बीमारी तो नहीं हो रही है, लेकिन ये ओमिक्रॉन के बाकी सब-वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक है.
- WHO ने पिछले महीने बताया था कि दुनिया के दर्जनभर देशों में BA.4 और BA.5 के मामले सामने आए हैं और इससे कोरोना के मामलों में फिर उछाल आ सकता है.
- यूरोपियन सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (ECDC) और अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) ने इन दोनों सब-वैरिएंट्स को 'वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न' यानी 'चिंताजनक' घोषित कर रखा है. ECDC का कहना है कि अभी तक इन सब-वैरिएंट्स से गंभीर बीमारी होने के सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन ये पिछले वैरिएंट्स से ज्यादा संक्रामक है.
- WHO ने ये भी बताया था कि ओमिक्रॉन के सभी वैरिएंट्स को 'वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न' के रूप में ट्रैक किया जा रहा है. एजेंसी ने बताया था कि जिन देशों में BA.2 की वजह से नई लहर आई थी, वहां BA.4 और BA.5 का कम असर देखने को मिल रहा है.
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चिंता की बात क्यों?
- कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट पिछले साल नवंबर में दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था. भारत समेत दुनिया के कई देशों में इस वैरिएंट से कोरोना की नई लहर सामने आई थी. हालांकि, कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन कम गंभीर जरूर था, लेकिन इसकी संक्रामकता कहीं ज्यादा है.
- ओमिक्रॉन के अब तक कई सब-वैरिएंट्स सामने आ चुके हैं. शुरू में BA.1 और BA.2 सब-वैरिएंट्स ही सामने आए थे, लेकिन अब इस लिस्ट में BA.1.1, BA.3, BA.4 और BA.5 भी जुड़ गए हैं.
- BA.4 और BA.5 दोनों को ही BA.2 से ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है. यही वजह है कि इन सब-वैरिएंट्स के सामने आने के बाद एक और लहर का खतरा बढ़ गया है.
- इन दोनों सब-वैरिएंट्स को लेकर चिंता बढ़ाने वाली बात एक ये भी है कि BA.1 और BA.2 से संक्रमित लोग फिर से इन सब-वैरिएंट्स से संक्रमित हो सकते हैं. इसके अलावा ये दोनों सब-वैरिएंट्स में वैक्सीन को भी चकमा दे सकते हैं.
- इतना ही नहीं, डरबन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ क्वाजुलु-नताल यूनिवर्सिटी में इन्फेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट अब्दुल करीम ने न्यूज एजेंसी को बताया था कि चूंकि ओमिक्रॉन में अब तक कई म्यूटेशन हो चुके हैं, इसलिए इस बात की आशंका है कि इसमें अभी और म्यूटेशन हो सकते हैं, यानी और नए सब-वैरिएंट्स सामने आ सकते हैं.