अभी तक दिल्ली की तीनों जेलों में 45 कैदी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 17 कैदी उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं, जबकि एक उम्र कैद की सजा पाए कैदी की मंडोली जेल में मौत हो चुकी है. कोरोना कैदियों के अलावा जेल स्टाफ तक भी पहुंच चुका है. 75 जेल स्टाफ भी कोविड की चपेट में आ चुके हैं.
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अबतक कुल 75 जेल स्टाफ को कोरोना वायरस हो चुका है. 75 में से 15 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं. जेल प्रशासन ने सभी तीन जेलों में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के लिए आइसोलेशन वॉर्ड बनाया है. कोरोना काल में जो नए कैदी लाए जा रहे हैं उनकी पूरी जांच की जा रही है. उन्हें पहले से बंद कैदियों से अलग रखा जा रहा है. लोगों को कैदियों से मिलने की मनाही है.
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फ्रंटलाइन स्टाफ को पीपीई किट दी जा रही है
कैदियों के लिए काम करने वाली एनजीओ के लोग भी इस वक्त अंदर नहीं जा रहे हैं. बार-बार सैनिटाइजेशन और डिसइन्फेक्शन का काम किया जा रहा है. फ्रंटलाइन स्टाफ को पीपीई किट दी जा रही है. कोरोना संक्रमण के मरीजों की पहचान के लिए टीम बनाई गई है.
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कोरोना की वजह से 20 जून तक 2651 विचाराधीन कैदियों को दिल्ली की जेलों से बेल पर छोड़ा गया. 310 ऐसे कैदियों को छोड़ा गया है जिनका बेल ऑर्डर मॉडिफाई होना था. 1108 कैदियों को इमरजेंसी परोल पर छोड़ा गया है. 60 ऐसे कैदियों को फिलहाल छोड़ा गया है जिनकी सजा किसी वजह से कम की गई थी. कोरोना संक्रमण की वजह से तिहाड़ जेल प्रशासन ने 20 जून तक कुल 4129 कैदियों को छोड़ा है.