मनीष सिसोदिया ने कहा कि अभी सिर्फ आपात सेवाओं और लोकल दुकानों को खोलने की अनुमति हैं, अभी कोई भी मुख्यमंत्री ऐसी हालात में नहीं है कि वह फैसला ले सके. सभी को तीन तारीख को ही निर्णय करना होगा.
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दिल्ली की स्थिति को लेकर डिप्टी सीएम ने कहा कि कोरोना अभी पूरी राजधानी में नहीं फैला है, जहां पर कंटेंनमेंट जोन बने हैं वहां से आगे नहीं फैला है. जहां पर लॉकडाउन का पालन हो रहा है, वहां उसे ग्रीन जोन में बदल रहे हैं, जल्द ही कुछ और भी हॉटस्पॉट खोल दिए जाएंगे. अच्छे हालात के लिए जरूरी है कि लोग लॉकडाउन का पालन करें.
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लॉकडाउन के वित्तीय असर पर उन्होंने कहा कि जैसी लोगों की हालत है वैसी ही सरकार की हालत है, खर्च ज्यादा है और टैक्स नहीं मिल रहा है. पिछले साल अप्रैल में 3500 करोड़ रुपये का टैक्स आया था, जबकि इस बार अप्रैल तक 325 करोड़ तक का ही टैक्स आया है. ऐसे हालात से कोरोना के खात्मे के बाद ही निकला जा सकता है.
मनीष सिसोदिया बोले कि दिल्ली सरकार के पास एकमात्र रास्ता सेल का है, लेकिन फिलहाल खरीद-फरोख्त हो ही नहीं रही है. केंद्र सरकार से कोई अलग आर्थिक पैकेज नहीं मिला, जो बाकी राज्यों को मिला वह भी पैसा नहीं मिला.
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले 3 हजार का आंकड़ा छूने वाले हैं, बीते दिन ही करीब 300 मामले सामने आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा में दिल्ली की ओर से अभी लॉकडाउन पर फैसला लेने के लिए वक्त मांगा गया है.
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