कोरोना की दूसरी लहर का मुकाबला कर रहे भारत में इस वक्त कोरोना के कई वैरिएंट मौजूद हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसी बीच सिंगापुर के वैरिएंट को लेकर चिंता व्यक्त की, लेकिन सिंगापुर इसपर बिफर गया. सिंगापुर का कहना है कि उनके यहां कोई नया वैरिएंट नहीं है, बल्कि वही वैरिएंट है जो हिंदुस्तान में है. इस सियासी घमासान के बीच उस वैरिएंट के बारे में भी जानना जरूरी है, जिसको लेकर ये दंगल हो रहा है...
दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने सिंगापुर के जिस वैरिएंट पर सवाल उठाए थे, वह वहां नहीं मिला है. सिंगापुर की सरकार का दावा है कि वहां पर कोई नया वैरिएंट नहीं है, बल्कि B.1.617.2 के कई केस पाए गए हैं. सिंगापुर सरकार के मुताबिक, ये वैरिएंट सबसे पहले भारत में ही मिला था, जो बाद में कई देशों में पहुंच गया.
सिंगापुर में इस वैरिएंट से क्या हो रहा है?
सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना के B.1.617.2 वैरिएंट बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. सिंगापुर में कोरोना की नई लहर के बीच बच्चों में कोरोना संक्रमण पाया गया है, ऐसे मे सिंगापुर की सरकार ने सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश भी जारी किया है. हालांकि, सिंगापुर का ये भी कहना है कि जिन बच्चों में ये वैरिएंट मिला है, वह गंभीर रूप से पीड़ित नहीं हैं.
कितना खतरनाक है ये वैरिएंट?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, B.1.617.2 वैरिएंट अबतक 40 से अधिक देशों में पाया जा चुका है, ऐसे में ये चिंता का विषय है. ये वैरिएंट अभी कितना खतरनाक है, इसपर रिसर्च जारी है. एक्सपर्ट्स की मानें, तो ये वैरिएंट साउथ अफ्रीका और ब्राजील में पाए गए वैरिएंट से ही मेल खाता है.
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, ये वायरस शरीर में पैदा हुई एंटीबॉडी को भी मात दे सकता है, ऐसे में कोई भी इंसान कोविड की चपेट में आ सकता है. हालांकि, राहत की बात ये है कि भारत बायोटेक ने दावा किया है कि उनकी कोवैक्सीन भारत या ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी कारगर साबित होगी.
भारत सरकार की ओर से भी इस वैरिएंट पर नज़र रखी जा रही है, सिंगापुर में जिस तरह बच्चों पर ये असर कर रहा है, ऐसे में भारत सतर्क है. बता दें कि भारत में पहले ही एक्सपर्ट चेतावनी दे चुके हैं कि तीसरी लहर में बच्चों पर अधिक असर हो सकता है, ऐसे में अभी से ही सतर्कता बरतने की जरूरत है.