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Omicron: दूसरी लहर से सबक, तीसरी लहर का खतरा... जानें दिल्ली, नोएडा, बिहार के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति

देश में अब तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. कोरोना के नए मामलों में अचानक से तेजी आ गई है. ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते मामलों में तेजी आने की बात कही जा रही है. इस बीच आजतक की टीम ने कई राज्यों के अस्पतालों में पहुंचकर वहां ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति को जाना.

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अस्पतालों में अब ऑक्सीजन प्लांट चालू हो गए हैं. (फाइल फोटो-PTI)
अस्पतालों में अब ऑक्सीजन प्लांट चालू हो गए हैं. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली के LNJP में 2000 बेड पर ऑक्सीजन सप्लाई
  • नोएडा में 17 ऑक्सीजन प्लांट चालू, इनमें 11 सरकारी

Oxygen Plant: देश में एक बार फिर से कोरोना के हालात तेजी से बढ़ने लगे हैं. नए ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) के चलते मामलों में तेजी आने की बात कही जा रही है. अभी तक यही माना जा रहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीज में हल्के लक्षण होते हैं और उसे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती. लेकिन फिर भी दूसरी लहर से सबक लेते हुए देश में अब ऑक्सीजन प्लांट की सुविधा कर दी गई है. 

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यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का दावा है कि प्रदेश में 551 ऑक्सीजन प्लांट और 56 हजार से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स हैं. दिल्ली, नोएडा, यूपी और बिहार के जिलों के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगा तो दिए गए हैं, लेकिन वो काम कर रहे हैं या नहीं, ये जानने के लिए आजतक की टीम इन अस्पतालों में पहुंची. अच्छी बात ये रही कि हर अस्पताल में अब ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं. इसके साथ ही तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए तैयारियां भी शुरू हो गईं हैं.

दिल्लीः LNJP अस्पताल में ऑक्सीजन क्षमता 10 गुना बढ़ी

- दिल्ली के सबसे बड़े अस्पतालों में से LNJP अस्पताल में ऑक्सीजन की क्षमता 10 गुना बढ़ गई है. दूसरी लहर के दौरान यहां ऑक्सीजन की क्षमता 5 टन थी जो अब बढ़कर 55 टन हो गई है. अस्पताल में 2000 बेड हैं, जिसमें से 950 आईसीयू बेड हैं. सभी बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई दी गई है.

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- LNJP अस्पताल के एमडी डॉ. सुरेश कुमार बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद पूरा ध्यान ऑक्सीजन की उलब्धता को बढ़ाने पर था. अब सभी 2 हजार बेड को ऑक्सीजन सप्लाई से जोड़ दिया है. 

-  वहीं, अब दिल्ली में 98 ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार है इनमें 83 एक्टिव मोड में है जबकि15 प्लांट 15 जनवरी तक तैयार हो जाएंगे.

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नोएडाः 17 ऑक्सीजन प्लांट चालू, इनमें 11 सरकारी

- दूसरी लहर के दौरान नोएडा में एक भी ऑक्सीजन प्लांट नहीं था, लेकिन अब यहां 17 ऑक्सीजन प्लांट हैं जिनमें से 11 सरकारी हैं. बाकी 6 प्राइवेट अस्पतालों में हैं. 

- गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि ओमिक्रॉन का असर अब दिल्ली के साथ-साथ नोएडा में भी दिखने लगा है. महीनों बाद नए मरीजों की संख्या बढ़ गई है. उन्होंने बताया कि फिलहाल नोएडा में 4,585 बेड हैं. 

वाराणसी के ESIC अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी है.

वाराणसीः अस्पतालों में ऑक्सीजन की तैयारी पूरी

-  वाराणसी के अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट काम करने लगे हैं. वाराणसी के पंडित दीनदयाल अस्पताल में जब आजतक की टीम पहुंची तो यहां ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहा था. अस्पताल के मुख्य अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने कहा कि अस्पताल में 180 बेड पर ऑक्सीजन सप्लाई की तैयारी पूरी है और इमरजेंसी में और 50 बेड पर भी ऑक्सीजन सप्लाई हो सकती है.

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-  ESIC अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अभिलाष ने बताया कि यहां भी 150 बेड पर ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा है और जरूरत पड़ने पर 50 अन्य बेड तक सप्लाई की जा सकती है. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर के भी इंतजाम कर रखे हैं.

इटावाः जिले में 6 ऑक्सीजन प्लांट चालू

- दूसरी लहर में मची तबाही को ध्यान में रखते हुए जिले में 9 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हैं. इनमें से 3 प्लांट सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में और बाकी 6 सीएचसी और जिला अस्पताल में हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भगवानदास भिरोरिया ने दावा किया अब किसी भी महामारी से निपटने के लिए जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि 100 बेड का कोरोना के अलग से वार्ड बनाया गया है, जिसमें ऑक्सीजन सप्लाई की अंडरग्राउंड लाइन चल रही है. 

- उन्होंने बताया कि सीएचसी बंकेवर और सीएचसी भरथना में 30 और 50 बेड के वार्ड बनाए गए हैं. जरूरत पड़ने पर इन वार्डों की संख्या भी बढ़ा सकते हैं. उन्होंने बताया कि बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर कोरोना और ओमिक्रॉन की जांच के लिए टीमें लगाई गईं हैं. हर दिन 5 हजार लोगों की जांच हो रही है. 

इटावा में कोरोना वार्ड भी बना दिया गया है.

- वहीं, उदी सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनोद शर्मा ने बताया कि यहां 250 लीटर प्रति मीटर की क्षमता वाला ऑक्सीजन प्लांट लगा है जो सदर विधायक ने लगवाया है. अस्पताल में 150 मरीजों की ओपीडी है. यहां पर अस्थमा और सांस की बीमारी के मरीज आते रहते हैं, इसलिए यहां ऑक्सीजन की व्यवस्था रहती है. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन सप्लाई वाले 30 बेड हैं, जिसमें से 12 बच्चों के लिए रिजर्व हैं. उन्होंने कहा कि हमारे यहां स्टाफ की कमी है. सिर्फ 25 प्रतिशत स्टाफ है.

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नालंदाः सदर अस्पताल में भी लगा ऑक्सीजन प्लांट

- नालंदा के सदर अस्पताल बिहारशरीफ में पीएम केयर्स फंड से ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है. नवजात बच्चों के लिए बनी एसएनसी यूनिट को भी इसी प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है. अस्पताल के डॉ. अश्वनी कुमार ने बताया कि पहले यहां काफी परेशानी हुआ करती थी लेकिन प्लांट लगने से ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होती.

फिरोजाबादः 1000 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाला प्लांट चालू

- जिले के राजकीय मेडिकल कॉलेज में पीएम केयर्स फंड से ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है. मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संगीता अनेजा ने बताया कि मई 2021 में यहां ऑक्सीजन प्लांट लगा था जिसकी क्षमता 1000 लीटर प्रति मिनट की है. 

-उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक अन्य सिलेंडर से भी आपूर्ति की जा ती है. उन्होंने बताया कि तीसरी लहर की आशंका के चलते 300 बेड का एक वार्ड बना दिया है, लेकिन अभी वहां एक भी मरीज नहीं है.

महोबा: तीन प्लांट चालू स्थिति में मिले 

UP के महोबा जिले में सरकारी अस्पतालों में लगाये गये ऑक्सीजन प्लांटो के रियल्टी चेक में जिले के तीनो प्लांट चलते मिले हैं, जिससे कोरोना की तीसरी लहर में लोगों को ऑक्सीजन की कमी से नही जूझना पड़ेगा . जिला महिला अस्पताल का  ऑक्सीजन प्लांट  चलता हुआ मिला है जबकि जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट चल रहा था और मरीजों को बेड तक ऑक्सीजन पहुंच रही थी. 

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सहारनपुर में ऑक्सीजन किल्लत दूर करने पर जोर

सहारनपुर में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से तैयारी पूरी कर ली गई है. ज़िले के सरकारी अस्पतालों ऑक्सीजन की किल्लत को ठीक करने पर पूरा जोर दिया जा रहा है. अभी ज़िले में 14 नए ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगा दिए गए हैं. ऐसे में प्रतिदिन 8925000 लीटर ऑक्सीजन तैयार करने की क्षमता बढ़ गई है.

(इटावा से अमित तिवारी, दिल्ली-नोएडा से मनीष चौरसिया, नालंदा से रंजीत सिंह, वाराणसी से ब्रजेश कुमार, महोबा से  नाहिद अंसारी फिरोजाबाद से सुधीर शर्मा, अनिल भारद्वाज, लखनऊ से अभिषेक मिश्रा)

 

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