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Corona: अधिकतर लोगों को नहीं लगी वैक्सीन, फिर करोड़ों डोज क्यों लौटा रहे ये देश?

दुनिया में ओमिक्रॉन की वजह से आई कोरोना की सुनामी के बीच गरीब देश वैक्सीन के डोज लौटाने लगे हैं. यूनिसेफ के मुताबिक, गरीब देशों के पास वैक्सीन को स्टोर करने के लिए कोई सुविधा नहीं है. इसके अलावा अमीर देश कम शेल्फ लाइफ वाली वैक्सीन डोनेट कर रहे हैं.

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हर महीन करोड़ों डोज बर्बाद हो रहे. (फाइल फोटो-AP/PTI)
हर महीन करोड़ों डोज बर्बाद हो रहे. (फाइल फोटो-AP/PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 144 देशों को दी जा रही है वैक्सीन डोज
  • गरीब देशों के पास स्टोरेज की सुविधा नहीं
  • कम शेल्फ लाइफ के चलते लौटा रहे डोज

दुनिया में जारी कोरोना संकट के बीच वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन 30 से ज्यादा देश ऐसे भी हैं जो वैक्सीन की डोज लौटा रहे हैं. यूनिसेफ (UNICEF) ने बताया है कि पिछले महीने गरीब देशों ने 10 करोड़ से ज्यादा डोज लेने से मना कर दिया है. 

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दरअसल, दुनियाभर में छोटे और गरीब देशों तक भी कोरोना वैक्सीन (Covid Vaccine) को पहुंचाने के मकसद से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एक प्रोग्राम चला रहा है. इस प्रोग्राम का नाम COVAX है, जिसके तहत छोटे और गरीब देशों को मुफ्त में वैक्सीन दी जा रही है. COVAX के तहत करीब 150 देशों तक अरबों डोज पहुंचाए जा रहे हैं.

लेकिन अब ये देश इन डोज को लेने से मना करने लगे हैं. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यूनिसेफ में सप्लाई डिविजन की डायरेक्टर एत्लेवा कैडिली (Etleva Kadilli) ने बताया कि गरीब देशों ने अकेले दिसंबर में ही 10 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज को लौटा दिया है.

ये भी पढ़ें-- COVID खत्म हो सकता है लेकिन करने होंगे ये दो काम, WHO चीफ ने बताया- कैसे होगा महामारी का अंत 

वैक्सीन डोज क्यों लौटा रहे हैं गरीब देश?

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कैडिली ने बताया कि वैक्सीन डोज की शेल्फ लाइफ कम होने की वजह से देश ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि गरीब देशों के पास वैक्सीन को स्टोर करने के लिए फ्रीज भी नहीं है, इसलिए वो डोज नहीं ले रहे हैं. हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि अब तक कितनी डोज वापस हो चुकी हैं.

वैक्सीन लौटाने का मामला ऐसे समय आया है जब दुनियाभर में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) तबाही मचा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैक्सीनेशन में तेजी लाने की बात कही है. WHO का कहना है कि जब तक छोटे और गरीब देशों तक वैक्सीन नहीं पहुंचेगी, तब तक महामारी से नहीं निपटा जा सकता. 

अमीर देशों पर उठे सवाल!

वैक्सीनेशन की सप्लाई और यूज पर नजर रखने वाली एजेंसी CARE के मुताबिक, अब तक गरीब देशों को जितनी वैक्सीन दी गई है, उसमें से 90 देशों ने करीब 68 करोड़ डोज का ही इस्तेमाल किया है. CARE के मुताबिक, कॉन्गो और नाइजीरिया जैसे 30 से ज्यादा देशों ने अब तक आधी से भी कम डोज लगाई है.

वैक्सीन अलायंस GAVI के मुताबिक, अब तक COVAX प्रोग्राम के तहत दुनियाभर के 144 देशों में 98 करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी हैं. WHO के मुताबिक, जनवरी तक अमीर देशों की 67% आबादी पूरी तरह वैक्सीनेटेड हो चुकी है, जबकि गरीब देशों की महज 8% आबादी ही ऐसी है जो पूरी तरह वैक्सीनेट हुई है.

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यूनिसेफ के मुताबिक, यूरोपियन यूनियन के देशों की ओर से दी गई वैक्सीन में से 1.5 करोड़ डोज लौटाई जा चुकी है. इनमें से एक तिहाई डोज एस्ट्राजैनेका (AstraZeneca) की थी, क्योंकि इसकी शेल्फ लाइफ 10 हफ्ते की ही है. 

WHO के एक अधिकारी ने पिछले महीने बताया था कि अमीर देश कम शेल्फ लाइफ वाली डोज डोनेट कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर में अकेले नाइजीरिया में ही 10 लाख से ज्यादा डोज बिना यूज हुए ही एक्सपायर हो गई थीं.

 

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