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Omicron Covid-19: देश में 80% मरीज एसिम्प्टोमैटिक, महाराष्ट्र में 10 में से 8 को लगी थीं दोनों डोज

Omicron Variant in India: कोरोना का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट देश में तेजी से फैल रहा है. अब तक इसके 170 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. चिंता की बात ये है कि इसके ज्यादातर मरीजों में कोई लक्षण नहीं है.

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स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि देश में 38 लैब में जीनोम टेस्टिंग की व्यवस्था है. (फाइल फोटो-PTI)
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि देश में 38 लैब में जीनोम टेस्टिंग की व्यवस्था है. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्वास्थ्य मंत्री ने बताया- 80% मरीजों में लक्षण नहीं
  • मनसुख मंडाविया के मुताबिक, 13% में हल्के लक्षण
  • महाराष्ट्र में 54 मरीजों में से 44 को दोनों डोज लगी

Omicron Variant in India: कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है. 26 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' यानी 'चिंताजनक' बताया था और एक महीने से भी कम वक्त में ये वैरिएंट 90 देशों तक पहुंच चुका है. भारत में भी ये वैरिएंट तेजी से फैल रहा है और अभी तक इसके 170 से ज्यादा मामले आ चुके हैं.

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ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर चिंता क्यों करनी चाहिए, उसकी दो वजहें हैं. पहली तो ये कि इससे संक्रमित होने वाले ज्यादा मरीजों में कोई लक्षण नहीं है और दूसरी ये कि नया वैरिेएंट वैक्सीनेटेड लोगों को शिकार बना रहा है.

पहली वजहः 80% मरीजों में कोई लक्षण नहीं

- ओमिक्रॉन वैरिएंट इसलिए भी चिंता बढ़ाता है क्योंकि इसके ज्यादातर मरीजों में कोई लक्षण नहीं होता. ऐसे में संक्रमण के और तेजी से फैलने की आशंका है.

- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने सोमवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान देश में अभी तक ओमिक्रॉन के 161 मामले आए हैं, इनमें से 80 फीसदी मामलों में मरीजों में कोई लक्षण नहीं है. मांडविया जब ये जानकारी दे रहे थे, तब भारत में 161 केस आए थे. हालांकि, अब ये आकंड़ा 170 को पार कर गया है.

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- राज्यसभा में ओमिक्रॉन वैरिएंट पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने बताया कि देश में अब तक 161 मरीज मिले हैं. इनमें से 80 फीसदी एसिम्प्टोमैटिक हैं और 13 फीसदी मरीजों को हल्के लक्षण हैं. सोमवार तक ओमिक्रॉन से संक्रमित 44 मरीज ठीक हो चुके थे.

चिंता की बात क्योंः इसलिए क्योंकि ज्यादातर मरीजों में कोई लक्षण नहीं होता. ऐसे में मरीजों को पता ही नहीं चलता कि वो संक्रमित हैं. लिहाजा संक्रमण के और तेजी से फैलने का खतरा है.

ये भी पढ़ें-- Omicron वैरिएंट को लेकर पहली बार आई डराने वाली स्टडी, कोविड-19 पर दावे से बढ़ेगी पुरुषों की चिंता

दूसरी वजहः वैक्सीनेटेड भी हो रहे शिकार

- देश में ओमिक्रॉन के अब तक सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में मिले हैं. राज्य में अब तक 54 मरीज मिल चुके हैं. इनमें से 80% यानी 10 में से 8 मरीज ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है.

- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन 54 में से 44 यानी 80% मरीज ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी. दो ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी थी. वहीं, 8 की उम्र 18 से कम है इसलिए उन्हें वैक्सीन नहीं लगी थी.

चिंता की बात क्योंः जिस तरह से वैक्सीन लगी होने के बावजदू लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हो रहे हैं, उससे चिंता बढ़ गई है. भारत के लिहाज से ये इसलिए भी बड़ी हो जाती है क्योंकि अभी तक देश की 18 से ऊपर की 88% आबादी को एक और 57% को दोनों डोज लगी है. बच्चों का वैक्सीनेशन भी शुरू नहीं हो सका है और बूस्टर डोज पर बहस छिड़ी हुई है.

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राहत की बातः मरीज ठीक भी हो रहे

अभी तक ओमिक्रॉन को लेकर जो जानकारी सामने आई है, उसमें यही कहा जा रहा है कि ये वैरिएंट ज्यादा गंभीर नहीं है. देश में अभी तक 60 से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं. महाराष्ट्र में 54 में से 31 मरीज ओमिक्रॉन से रिकवर हो चुके हैं और दिल्ली में 28 में से 12 मरीज ठीक हो चुके हैं.

 

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