कोरोना (Corona) की दूसरी लहर अभी पूरी तरह थमी नहीं है और अब कई राज्यों में फिर से बढ़ रहे मामले चिंता भी बढ़ा रहे हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों में सबसे अहम चीज़ R-फैक्टर है, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में वायरस के फैलने की रफ्तार की जानकारी देता है.
आंकड़ों के मुताबिक, ये R-फैक्टर एक बार फिर तेज़ी से बढ़ रहा है. केरल (Kerala) और पूर्वोत्तर (North East) के राज्यों में एक्टिव केस (Active Cases) की संख्या बढ़ने से इसकी रफ्तार भी बढ़ी है. जून के आखिर में R-फैक्टर 0.88 की रफ्तार से बढ़ा है, जबकि मई के आखिर में ये 0.78 तक पहुंच गया था.
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कोरोना की दूसरी लहर (Covid Second Wave) में जैसे ही नए मामलों की रफ्तार कुछ कम हुई थी, तब कई राज्यों में अनलॉकिंग की प्रक्रिया तेज़ी से शुरू हुई थी. ऐसे में अब जब बाज़ारों में फिर भीड़ उमड़ रही है, तब बढ़ते हुए नए केस चिंता का विषय हैं.
अचानक बढ़ी है एक्टिव केस की संख्या
रिसर्चर्स के मुताबिक, भारत में R-फैक्टर (R-Factor) अभी भी एक से नीचे है, लेकिन अब एक्टिव केस की संख्या कम रफ्तार से घट रही है. केरल में नए मामलों के उछाल के कारण चिंता बढ़ी है, जबकि मणिपुर-अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में भी केस तेज़ी से बढ़ रहे हैं.
बता दें कि जब कोरोना (Covid-19) की दूसरी लहर अपने पीक पर थी, तब R-वैल्यू 1.37 तक थी, मई में ये 1.19 तक पहुंच गई और जून में ये 0.78 तक पहुंची थी. लेकिन अब फिर इसका ट्रेंड ऊपर गया है और ये 0.88 तक पहुंची है.
गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में जहां कोरोना के केस काफी कम आ रहे हैं, वहीं केरल में एक बार फिर रोज़ाना आने वाले केस की संख्या 15 हज़ार तक पहुंची है. पिछले कुछ दिनों से केरल में लगातार 10 हज़ार से अधिक केस दर्ज किए जा रहे हैं. केरल में अब सवा लाख के करीब एक्टिव केस हो गए हैं.
भारत में अभी भी कोरोना के एक्टिव केस की संख्या साढ़े चार लाख तक है, जबकि एक दिन में औसतन 40 से 50 हज़ार तक नए केस दर्ज किए जा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से वैक्सीनेशन की रफ्तार भी कम हुई है, जो लगातार चिंता का विषय बनी हुई है.