कोरोना वैक्सीन में बछड़े के खून के विवाद पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भड़क गई है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कोवैक्सीन पर भ्रम फैलाकर कांग्रेस ने बड़ा पाप किया है, मैं कांग्रेस नेताओं खासकर सोनिया, प्रियंका और राहुल से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने अपनी वैक्सीन ली है या नहीं.
बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा कि सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी ने पहली डोज ली, लेकिन अब वह दूसरी डोज क्यों नहीं ले रहे हैं. संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस आईटी सेल टीम के सदस्य ने अपने ट्वीटर हैंडल पर गोहत्या और बछड़े के खून शब्द का इस्तेमाल किया, स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि कोवैक्सिन में बछड़े के खून का सीरम नहीं है.
बीजेपी नेता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि इस मामले में सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, वेरो सेल के संवर्धन के लिए अतीत में कई टीकों में बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया, कांग्रेस पार्टी देश के वैक्सीन अभियान को पटरी से उतारना चाहती है, यह पार्टी वैक्सीन लगवाने में हिचकिचाहट पैदा करने और इस अभियान को पटरी से उतारने में लगी है.
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा टीकाकरण की रफ्तार को कम करने और वैक्सीन की बर्बादी को बढ़ावा दिया है, छत्तीसगढ़, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में क्या हुआ, मैं कांग्रेस नेताओं खासकर सोनिया, प्रियंका और राहुल से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने अपनी वैक्सीन ली है या नहीं.
क्या है मामला
कांग्रेस के गौरव पांधी का कहना है कि 20 दिन से कम उम्र वाले गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल कोवैक्सीन में किया जाता है. अगर ऐसा है तो सरकार के द्वारा पहले इस बारे में जानकारी क्यों नहीं दी गई, क्योंकि इससे धार्मिक भावनाएं भी आहत हो सकती हैं.
गौरव द्वारा ट्वीट किया गया कि एक RTI के जवाब में मोदी सरकार ने माना है कि कोवैक्सीन में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल होता है. इसमें 20 दिन से उम्र वाले बछड़े को मारकर उसका इस्तेमाल होता है. ये जघन्य अपराध है, ये जानकारी पहले ही सबसे सामने आनी चाहिए. गौरव पांधी द्वारा इस मसले पर अन्य कई ट्वीट किए गए और गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
भारत बायोटेक की सफाई
भारत बायोटेक का कहना है कि वायरल टीकों के निर्माण के लिए गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है. इनका इस्तेमाल सेल्स की ग्रोथ के लिए होता है, लेकिन SARS CoV2 वायरस की ग्रोथ या फाइनल फॉर्मूला में इसका इस्तेमाल नहीं हुआ है. भारत बायोटेक का कहना है कि कोवैक्सीन पूरी तरह से शुद्ध वैक्सीन है.