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त्रिपुरा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शुरू की गई स्मार्ट एंबुलेंस सर्विस एक गर्भवती महिला के लिए वरदान बन गई. खोवी जिले की एक कोविड पॉजिटिव महिला को अस्पताल ले जाने के दौरान अचानक लेबर पेन शुरू हो गया, जिसके बाद स्थानीय हेल्थ वर्कर्स की मदद से इस महिला ने एंबुलेंस के अंदर ही एक बच्ची को जन्म दिया.
एंबुलेंस में हुई डिलीवरी
महिला खोवाई जिले के मुंगियाकामी की रहने वाली है. रिपोर्ट्स के मुताबिक खोवाई अस्पताल से एंबुलेंस पहले तेलियामुरा प्राइमरी हेल्थ सेंटर और फिर मुंगियाकामी पहुंची. वहां हेल्थ वर्कर्स ने महिला को प्रसव पीड़ा (लेबर पेन) से छटपटाते देखा. हेल्थ प्रोफेशनल मेघन देबनाथ की देखरेख में एंबुलेंस में ही कुछ घंटे बाद महिला ने बच्ची को जन्म दिया.
दोनों को रखा गया अलग-अलग
बाद में मां और बच्ची को होम आइसोलेशन में ही अलग-अलग रखने का फैसला किया गया. प्राइमरी हेल्थ सेंटर के डॉक्टर दोनों को मॉनिटर कर रहे हैं. महिला के ससुर ने एंबुलेंस सर्विस और हेल्थवर्कर्स का आभार जताया. उनका कहना था कि अगर एंबुलेंस और हेल्थवर्कर्स का समय पर साथ नहीं मिलता तो कुछ भी हो सकता था.
पहले भी हुईं एंबुलेंस में डिलीवरी
बता दें इस साल जनवरी में भी त्रिपुरा में एक ही रात में ऐसे ही एंबुलेंस में तीन डिलीवरी हुईं थी. तब एक महिला ने एक बच्ची को और दूसरी महिला ने जुड़वा बेटों को जन्म दिया था. कंचनपुर के सब डिवीजन अस्पताल से 15 किलोमीटर दूर रहने वाले पूरबो दास पारा ने 102 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया और तत्काल एंबुलेंस भेजने के लिए कहा.
जब पूरबो दास पारा की पत्नी अनीमा को एंबुलेंस से ले जाया जा रहा था, तो रास्ते में ही उसे तेज लेबर पेन होने लगा. सड़क भी बहुत खराब थी. एंबुलेंस में मौजूद स्टाफ नर्स (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) ने ड्राइवर से एंबुलेंस रुकवाई और उसी में ही डिलीवरी कराने का फैसला किया. अनीमा ने स्वस्थ बेटी को जन्म दिया.
उसी रात को 4 बजे इसी एंबुलेंस सर्विस को एक और कॉल आई. इस बार एंबुलेंस को 12 किलोमीटर का सफर तय करने में रास्ता और ज्यादा खराब होने की वजह से 45 मिनट लगे. चांदीपुर के गोविंदपारा में रहने वाली महिला कालबी रियांग के लिए एंबुलेंस सर्विस को ये कॉल की गई थी. जब तक एंबुलेंस रियांग के घर पहुंची तब तक उसकी लेबर पेन बर्दाश्त से बाहर हो गई थी. हेल्थकेयर वर्कर्स ने तब एंबुलेंस में ही डिलीवरी कराने का फैसला किया. रियांग ने जुड़वा बेटों को जन्म दिया. (इनपुट-प्रबीर दास)