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समस्तीपुर में हुआ कोविड अस्पताल का उद्घाटन, हर बेड पर लगे हैं ऑक्सीजन सिलेंडर

कोविड अस्पताल खुल जाने से कोरोना के मरीजों को अब समस्तीपुर से दरभंगा या पटना का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. अब समस्तीपुर में ही आसानी से ऑक्सीजन के अलावा अन्य सुविधा के साथ कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा सकेगा.

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समस्तीपुर के डीएम ने किया अस्पताल का उद्घाटन (फोटो: Aajtak)
समस्तीपुर के डीएम ने किया अस्पताल का उद्घाटन (फोटो: Aajtak)

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  • कोविड हॉस्पिटल के हर बेड पर ऑक्सीजन सिलेंडर और पल्स ऑक्सीमीटर लगाए गए हैं
  • अब समस्तीपुर के कोरोना मरीजों को डीएमसीएच और पटना के नहीं लगाने होंगे चक्कर

आज तक पर बिहार के पटना में एनएमसीएच और एम्स कोविड अस्पतालों की बदहाली की खबर चलने के बाद बिहार सरकार पर इसका साफ असर देखने को मिलने लगा है. इसी क्रम में सरकार के निर्देश पर समस्तीपुर में 65 बेड के अलग-अलग कोविड अस्पताल बनाए गए हैं. जिसमें कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा.

डीएम शशांक शुभंकर ने रविवार को समस्तीपुर के मोरदीवा में 15 बेड और दलसिंहसराय में 50 बेड वाले कोविड अस्पताल का शुभारंभ किया है. आपको बता दें कि प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन के सिलेंडर और पल्स ऑक्सीमीटर लगाए गए हैं. इसके साथ ही वेंटिलेटर के बेड भी लगाए जा रहे हैं.

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कोविड अस्पताल खुल जाने से कोरोना के मरीजों को अब समस्तीपुर से दरभंगा या पटना का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. अब समस्तीपुर में ही आसानी से ऑक्सीजन के अलावा अन्य सुविधा के साथ कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा सकेगा. सरकार कोविड अस्पताल को लेकर अब कितनी गंभीर है इसका अंदाजा डीएम के कड़े रुख से लगाया जा सकता है.

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अस्पताल के उद्घाटन के वक्त डीएम ने सख्त लहजे में मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर्स को कहा कि किसी की भी लापरवाही इस कोविड अस्पताल में दिखी तो वो नप जाएंगे और वे कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहेंगे. डीएम ने कोरोना मरीज के आने पर उन्हें मेडिकल स्टाफ ऑक्सीजन कैसे लगाएंगे इसका रिहर्सल भी कराया. इसके साथ ही पल्स

ऑक्सीमीटर की टेस्टिंग भी की गयी.

अब इसी बात से आप समझ सकते हैं कि आज तक पर चली खबर का बिहार सरकार पर कैसा प्रभाव पड़ा है. देर से ही सही लेकिन बिहार के अन्य जिलों में कोविड अस्पताल बनाया जाने लगा है. अगर सरकार यही कदम पहले उठा चुकी होती तो शायद आज कई मरीज ऑक्सीजन की कमी से अपनी जान नही गंवा पाते.

तीन शिफ्ट में मेडिकल टीम की हुई तैनाती

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कोविड के अस्पतालों में कुव्यवस्था की शिकायत को देखते हुए समस्तीपुर में डीएम शशांक शुभंकर ने तीन शिफ्ट में मेडिकल टीम का रोस्टर बनाया है. इसमें डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मी शामिल हैं. जिनको सख्त निर्देश दिया गया है कि कोरोना मरीज के इलाज में किसी तरह की लापरवाही न हो. इसके साथ ही कोरोना मरीज को हेल्दी डाइट देने के लिए भी एक टीम बनाई गयी है जो खाने के समय पर खाना लेकर पहुंचेंगे.

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डीएम ने बताया कि मेडिकल टीम तीनों शिफ्ट का हाजरी बनाएंगे और अगर इसमें कोई लापरवाही करेंगे तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही रैंडम चेकिंग के लिए एक टीम का भी गठन किया गया है.

हर बेड पर लगाए गए हैं ऑक्सीजन सिलेंडर

समस्तीपुर में कोविड- 19 को लेकर व्यपाक तैयारी के साथ ही 65 बेड वाले बने कोविड अस्पताल में हर बेड पर पल्स ऑक्सीमीटर लगाए गए हैं ताकि कोरोना के मरीजों के ऑक्सीजन का लेवल नापा जा सके और अगर कोरोना के मरीज का ऑक्सीजन लेवल 95 से कम होता है तो उसे ऑक्सीजन इंटरवेंशन दिया जा सके.

आपको ये बता दें कि पल्स ऑक्सीमीटर एक छोटा सा डिवाइस होता है. जो एक क्लिप की तरह दिखता है. इस क्लिप को उंगली में फंसाने के बाद इसमें लगा सेंसर यह पता लगा लेता है कि खून में ऑक्सीजन का प्रवाह कितना है. यह रीडिंग ऑक्सीमीटर की डिजिटल स्क्रीन पर दिख जाता है. अगर ऑक्सीजन का रीडिंग 92 या उससे कम होती है तो डॉक्टर तुरंत कोरोना के मरीज को ऑक्सीजन लगाते हैं. पल्स ऑक्सीमीटर हर्ट रेट भी बता देता है जो लगभग 60 से 100 बीट प्रति मिनट तक होना चाहिए. इन चीजों के लग जाने से अब उम्मीद की जा रही है कि कोरोना मरीजों को बेहतर इलाज समस्तीपुर में ही मिल जाएगा.

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प्रखंडों में रैपिड एंटीजन की भी हुई शुरुआत

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रैपिड एंटीजन टेस्ट तेजी से करने का निर्देश दिया था. इसी क्रम में समस्तीपुर के प्रखंडों में भी काफी तेजी से जांच शुरू कर दिए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग अभी प्रतिदिन 25 लोगों का सैंपल रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से ले रही है. स्वास्थ्य विभाग ने समस्तीपुर को एक हजार किट मुहैया कराया है. उसके बाद डीएम के निर्देश पर रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू कर दी गयी है.

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