उत्तर प्रदेश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर प्रदेश सरकार एक तरफ संसाधनों को बढ़ा रही है, तो वहीं प्रयास ये भी है कि तीसरी लहर की दस्तक से पहले ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन ले लें. ताकि उन्हें कोरोना के खिलाफ सुरक्षा मिल सके. हांलाकि स्वास्थ्य विभाग ने यूपी को लेकर जो आंकड़े जारी किए हैं वह अभी संतोषजनक है. आंकड़ों के मुताबिक यूपी में व्यापक टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से उत्तर प्रदेश में वैक्सीन की बर्बादी 1 प्रतिशत से भी कम हुई है.
जाहिर है एक तरफ कई राज्य, टीकों की कमी को लेकर शिकायत कर रहे है तो वहीं दूसरी तरफ वैक्सीन ड्राइव कमजोर होने की वजह से वैक्सीन की डोज की बर्बादी की सूचना भी स्वास्थ्य विभाग को दी गयी है. जिसमें झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और तामिलनाडु जैसे कई राज्य शामिल हैं. वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने वैक्सीन ड्राइव की रफ्तार बढ़ाने के साथ साथ टीके के सुरक्षित स्टोरेज का भी ख्याल रखा है. इससे यूपी में वैक्सीन की बर्बादी अब तक सिर्फ 1 प्रतिशत ही हुई है.
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी 12 जून 2021 तक के आकड़ों के अनुसार पिछले ढाई महीने में कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों की बर्बादी में भारी कमी आयी है. इतना ही नहीं सरकार की तरफ से किये जा रहे प्रयासों की वजह से टीके की कुल बर्बादी घटकर 0.89 प्रतिशत रह गयी है.
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक यूपी के 36 से अधिक जिलों में कोवैक्सीन की डोज की संख्या की बर्बादी शून्य है. इसका मतलब है कि निर्धारित संख्या से अधिक लोगों को टीका लगाया गया. कोवैक्सीन के टीके की बर्बादी 0.87 फीसदी दर्ज की गयी है, जबकि कोविशील्ड टीके की कुल बर्बादी 0.92 फीसदी दर्ज की गयी है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार वैक्सीन प्रबंधन समिति की बैठक में वैक्सीन की बर्बादी शून्य करने के निर्देश दिये हैं. हांलाकि यूपी में वैक्सीन की बर्बादी के कम होने का कारण वैक्सीनेशन की रफ्तार का ज्यादा तेज होना बताया गया है. क्योंकि वैक्सीन की डोज सबसे ज्यादा बर्बाद तब होती है जब शीशियों को खुला छोड़ दिया जाय. लेकिन सरकार ने वैक्सीनेशन की स्टोरेज की व्यवस्था को दुरूस्त कर उपलब्ध स्टॉक को सेफ कर दिया है.
बता दें, यूपी में एक दिन में 4 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है और जुलाई से हर दिन 10 लाख लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य तय किया गया है. जबकि सरकार की तरफ से अगस्त के अंत तक 10 करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है.