देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मामलों की रफ्तार काफी कम हुई है. कोरोना के नए मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) का कहना है कि कोरोना के मामले 4.14 लाख से घटकर चार जून को 1.32 लाख पर आ गए. सात मई को देश में कोरोना के पीक के बाद से मामलों में 68 फीसदी की कमी देखी गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि अगर हम आंकड़ों को सात मई को कोरोना के पीक से तुलना करें तो रोजाना कोरोना के मामलों में 68 फीसदी की कमी देखी जा रही है. 66 प्रतिशत नए मामले पांच प्रमुख राज्यों से आ रहे हैं, बाकी अन्य मामले अन्य 31 राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों से आ रहे हैं. इसका मतलब यह है कि हम स्थानीय स्तर पर कोरोना के संक्रमण को रोकने में सक्षम हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि उन जिलों में भी कोरोना के मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है, जहां रोजाना औसतन 100 से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए जा रहे थे. 257 जिले ऐसे हैं जहां रोजाना कोरोना के 100 से ज्यादा मामले देख जा रहे हैं. 377 जिले ऐसे हैं जहां रोजाना पॉजिटिविटी रेट पांच प्रतिशत से कम है.
नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि हमने कोरोना वैक्सीन की पहले डोज देने के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है. भारत में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज 17.2 करोड़ दी गई है, जबकि अमेरिका में यह 16.9 करोड़ है. 60 से ज्यादा की उम्र वालों की 43 प्रतिशत आबादी को कोरोना की पहली डोज दी जा चुकी है.
बच्चों की वैक्सीन को लेकर उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन और जायडस की वैक्सीन को बच्चों पर आजमाया जा रहा है. हमें लगभग 25 करोड़ डोज की जरूरत होगी. जब हम इसे लेकर रणनीति बना रहे होंगे तो हम इस बात का ध्यान रखना होगा. इस संबंध में लगातार एनालिसिस कर जानकारी इकट्ठा की जा रही है..