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केंद्र को 150, राज्यों को 400 रुपये की डोज? वैक्सीन की कीमतों पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

कोविशील्ड के नए दाम जारी होने पर घमासान छिड़ गया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर दावा किया है कि सीरम इंस्टीट्यूट केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को अलग-अलग दाम पर वैक्सीन दे रहा है, जो गलत है. 

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कोविशील्ड वैक्सीन के दामों पर राजनीतिक रार (फाइल फोटो: PTI)
कोविशील्ड वैक्सीन के दामों पर राजनीतिक रार (फाइल फोटो: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोविशील्ड वैक्सीन के नए दामों पर घमासान
  • कांग्रेस का सवाल- केंद्र-राज्यों के लिए अलग रेट क्यों?

कोरोना वायरस को मात देने के लिए वैक्सीनेशन के नए चरण का ऐलान हो गया है. इसी के साथ सीरम इंस्टीट्यूट ने भी कोविशील्ड वैक्सीन के दाम घोषित कर दिए हैं. लेकिन अब इसको लेकर भी एक नई बहस शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर दावा किया है कि सीरम इंस्टीट्यूट केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को अलग-अलग दाम पर वैक्सीन दे रहा है, जो गलत है. 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा है कि केंद्र सरकार को कोविशील्ड 150 रुपये प्रति डोज के हिसाब से मिलेगी. लेकिन राज्य सरकारों को 400 रुपये देने होंगे. ये संघीय ढांचे के लिए सही नहीं है. इससे राज्यों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा. जो बिल्कुल गलत है. हम मांग करते हैं कि केंद्र-राज्य सरकारों के लिए एक देश, एक दाम तय किए जाएं. 

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आपको बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ने बुधवार को ही प्राइवेट अस्पतालों और राज्य सरकारों के लिए वैक्सीन का दाम जारी किया है. राज्य सरकारों को 400 रुपये प्रति डोज और प्राइवेट अस्पतालों को 600 रुपये प्रति डोज के हिसाब से पैसे चुकाने होंगे.

केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन के नए चरण की जो शुरुआत की गई है, वह एक मई से शुरू होगा. इस दौरान राज्य सरकार और प्राइवेट अस्पताल सीधे ही वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन ले पाएंगे. 

वैक्सीन की कमी पर भी कांग्रेस ने घेरा
इससे इतर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर वैक्सीन की कमी को लेकर भी हमला तेज कर दिया है. कांग्रेस नेता अजय माकन का कहना है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है, लेकिन अभी तक उसकी 1.3 फीसदी जनसंख्या को ही टीका लग पाया है. अपने देश के लोग ही वैक्सीन की कमी से क्यों जूझ रहे हैं.

कांग्रेस ने सवाल किया कि देश में एक तरफ ऑक्सीजन की किल्लत है, लेकिन केंद्र द्वारा ऑक्सीजन को बाहर भेजा गया है. वहीं, टेस्टिंग के मोर्चे पर भी लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं और 2-3 दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है. 

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