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फेस्टिव सीजन में Covid की तीसरी लहर, आगाह करने के लिए दुनिया भर से जुटे एक्सपर्ट

एक्सपर्ट्स का कहना है कि दवा, मशीनें व उपकरण तो इस पूरे क्रिटिकल केयर के हिस्से हैं. इनके साथ कुशल तकनीशियन और अपडेटेड वर्जन भी तो उतने ही जरूरी हैं.  ये एक पूरी टीम की तरह सामूहिक तौर पर काम करता है.

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third wave of covid 19
third wave of covid 19
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली में दुनिया भर से क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट जुटे हुए हैं
  • फेस्टिव सीजन में कोविड की तीसरी लहर के प्रति आगाह किया

28वें स्थापना दिवस पर दुनिया भर से जुटे इंडियन सोसायटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसिन (आईसीसीएम) के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने देश और सरकारों के साथ अस्पतालों के प्रबंधन को आगाह किया है. 

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एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोविड की तीसरी लहर से लड़ने के लिए देश भर के अस्पतालों के क्रिटिकल केयर फैसिलिटी को और ज्यादा व्यापक बनाना होगा. क्योंकि यही स्वास्थ्य सेवा का सबसे जरूरी स्तंभ है. कोविड की दोनों भयावह और भीषण लहरों में उन्हीं मरीजों की जान बची जिनके चिकित्सकों ने उनको बेहतरीन क्रिटिकल केयर फैसिलिटी मुहैया कराई.

उनका कहना है कि दवा, मशीनें व उपकरण तो इस पूरे क्रिटिकल केयर के हिस्से हैं. इनके साथ कुशल तकनीशियन और अपडेटेड वर्जन भी तो उतने ही जरूरी हैं.  ये एक पूरी टीम की तरह सामूहिक तौर पर काम करता है.

आईसीसीएम के बैनर तले दुनिया भर से साढ़े चार सौ से भी अधिक विशेषज्ञ फिजिशियन, सर्जन, नर्सेज और चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ इस कॉन्क्लेव में हिस्सा ले रहे हैं. क्रिटिकल केयर रिसर्च कॉन्क्लेव में ये विशेषज्ञ वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए समुचित प्रबंधन और मेडिकल एहतियात को लेकर अपने-अपने अनुभव और क्लिनिकल रिसर्च के नतीजों व रिपोर्ट्स पर चर्चा कर रहे हैं. 

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कोविड की तीसरी लहर की आशंका को लेकर सरकारों और जनता की निश्चिंतता कहीं महंगी ना पड़ जाए. सरकार को अस्पतालों में क्रिटिकल केयर फैसिलिटीज को और आधुनिक व व्यापक बनाना होगा. इसके लिए मेडिकल एजुकेशन, सीएमई यानी कंटिन्यूअस मेडिकल एजुकेशन प्रोग्राम के जरिए विशेषज्ञों की क्रिटिकल केयर की कार्यकुशलता और नित्य नए उपकरण, तकनीक और रिसर्च के जरिए और तराशने की जरूरत है. 

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