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झारखंड: दूसरे राज्यों को सप्लाई करने वाले बोकारो में ऑक्सीजन नहीं मिलने से टूट गई सांसों की डोर

कहते हैं दिया तले अंधेरा होता है. ये कहावत झारखंड के बोकारो पर सटीक बैठती है. यहां ऑक्सीजन का भंडार है. कई राज्यों को बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन यहां से सप्लाई हो रही है, तो वहीं यहां पर ऑक्सीजन की कमी से एक मरीज की जान चली गई. 

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झारखंड के बोकारो में ऑक्सीजन की कमी से गई मरीज की जान
झारखंड के बोकारो में ऑक्सीजन की कमी से गई मरीज की जान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हॉस्पिटल में ऑक्सीजन हो गई थी खत्म
  • दूसरे अस्पताल ले जाते समय हुई मौत 

झारखंड के बोकारो के चास में स्थित पुरुलिया रोड पर मदर टेरेसा मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक मरीज को भर्ती कराया गया. परिजनों को बताया गया कि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन नहीं है, उसे कहीं ओर ले जाएं. परिजन दूसरे हॉस्पिटल के लिए अपने मरीज को लेकर निकले, लेकिन इतने में देर हो गई और ऑक्सीजन की वजह से मरीज की मौत हो गई.  

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चास के पुरुलिया रोड स्थित मदर टेरेसा मेमोरियल हॉस्पिटल में गोमिया से 72 वर्षीय गोविंद प्रसाद जायसवाल को सांस लेने में दिक्कत होने पर भर्ती कराया गया था. परिजनों ने बताया भर्ती करने के कुछ ही देर बाद मरीज की स्थिति और बिगड़ गई. अस्पताल के स्टाफ द्वारा बताया गया कि हॉस्पिटल में ऑक्सीजन नहीं है. मरीज को बचाना है तो किसी अन्य अस्पताल में ले जाएं. इसके बाद परिजन मरीज को लेकर दूसरे अस्पताल जाने लगे, लेकिन कहीं भी बेड खाली नहीं मिला. इस दौरान रास्ते में गोविंद प्रसाद जायसवाल ने दम तोड़ दिया. 

अस्पताल के एचओडी अभिजीत सरकार ने बताया कि मरीज के परिजन को यहां के स्टाफ के द्वारा पहले ही बताया जा चुका था कि हमारे यह वेंटिलेटर नहीं है. पर परिजन के कहने पर ही भर्ती कर लिया गया था. जब बेहतर इलाज के लिए अन्य अस्पताल में भेजा गया तब उनकी मौत हुई. 

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पूरे मामले में बोकारो के सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक पाठक ने बताया कि यह सरासर मानवीय चूक है. अस्पताल को चेक करते रहना चाहिए था कि उनके पास ऑक्सीजन है या नहीं, स्टॉक कितना है. विभाग के तरफ से जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि बोकारो में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, यहां से दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है.

बढ़ाई गई बेडों की संख्या 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की निगरानी में कोविड मरीजों की चिकित्सा और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही हैं. हाल के कुछ दिनों में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की काफी जरूरत महसूस की जा रही थी. मुख्यमंत्री खुद इस मामले की समीक्षा कर रहे थे और उन्होंने यथाशीघ्र बेड के इंतजाम करने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य के सभी जिलों में कम से कम 50 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गई है.  सिर्फ 15 दिनों में ही राज्य में 1824 नये ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गई है. राज्य में कुछ दिनों पहले तक 7201 सामान्य बेड थे. (इनपुट-संजय )

 

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