दिल्ली में कोरोना का कहर एक बार फिर शुरू हो गया है. स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने माना कि दिल्ली में है कोरोना की 'तीसरी लहर' है. उन्होंने कहा कि 'तीसरी लहर के अलावा आक्रामक कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग से भी आंकड़े बढ़ रहे हैं. इसके साथ सत्येंद्र जैन ने कहा कि हम प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड की किल्लत के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने 33 बड़े प्राइवेट अस्पतालों में 80% आईसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व करने का आदेश दिया था. दिल्ली सरकार के इस आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. दिल्ली सरकार के मुताबिक इससे 800 ICU बेड्स सरकार से सिस्टम से कम हो गए. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आजतक से खास बातचीत की.
सवाल: जिस तरह से दिल्ली में मामले बढ़ रहे हैं क्या कहा जा सकता है कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर है?
सत्येन्द्र जैन: हां, आप कह सकते हैं. परंतु साथ साथ मेरा यह भी कहना है कि पिछले 15 दिनों में अपनी स्ट्रैटेजी को हमने फोकस किया है. एग्रेसिव कांटेक्ट ट्रेसिंग हम कर रहे हैं. कोई भी एक व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो उसके जितने भी कांटेक्ट हैं उन सब के हम टेस्ट कर रहे हैं उसकी वजह से भी नंबर बढ़ रहे हैं.
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सवाल: दिल्ली में कुल बेड की स्थिति फिलहाल ठीक दिख रही है लेकिन बड़े प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी दिख रही है?
सत्येन्द्र जैन: बहुत से लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में जा रहे हैं, उसका एक कारण है. कारण यह है कि जो दिल्ली से बाहर से आते हैं पहले से ही किसी प्राइवेट हॉस्पिटल का नाम सुनकर आता है और वह सीधा प्राइवेट में ही जाता है और दूसरा इस बार जो लोग पॉजिटिव हो रहे हैं वह अपर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास में ज्यादा है, क्योंकि दिल्ली में जब कोरोना सबसे पहले फैला था वह घनी आबादी वाले इलाकों में फैला था, लेकिन अबकी बार थोड़ा अपर मिडिल क्लास सेगमेंट में जा रहा है. क्योंकि वो ज्यादा पैसा चुका सकते हैं इसलिए ज्यादातर लोग प्राइवेट में जा रहे हैं. साथ ही इंश्योरेंस वाले बहुत से लोग हैं. मैं कहूंगा कि सरकारी हो या प्राइवेट हो, हर जगह ट्रीटमेंट प्रोटोकोल एक समान है. सरकारी हॉस्पिटल में बेड और आईसीयू उपलब्ध है.
सवाल: हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के फैसले पर रोक लगा दी, आगे क्या कदम उठाएंगे?
सत्येन्द्र जैन: हमने प्राइवेट अस्पतालों के अंदर 80 फ़ीसदी ICU बेड्स कोरोना के लिए रिज़र्व किये थे, जिसको हाईकोर्ट ने रोक दिया था. उसके लिए अब हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं, क्योंकि अब आईसीयू बेड की उपलब्धता मुद्दा है. आईसीयू बेड की प्राइवेट अस्पतालों में दिक्कत आ रही है, उसके लिए अब हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. अभी जो दिक्कत आ रही है, वह उस वजह से भी आ रही है लेकिन यह हमारे हाथ में नहीं है. ऐसे करीब 800 ICU बेड्स थे.