देश में कोरोना की तीसरी लहर का हमला जारी है, कोविड के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. सोमवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बैठक में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते आई तीसरी लहर के दौरान तैयारियों और परिस्थितियों की समीक्षा की गई. इस बैठक में सरकार ने कुछ आंकड़े भी साझा किए.
दिल्ली सरकार का अनुमान है कि अगर राजधानी दिल्ली में एक दिन में कोविड के 1 लाख मामले सामने आते हैं, तो कोविड-19 रोगियों के लिए कम से कम 18,000 आईसीयू बेड और 28,000 ऑक्सीजन बेड की ज़रूरत पड़ेगी.
अगर एक दिन में 1 लाख केस सामने आते हैं, तो इनमें से केवल 5 प्रतिशत मामलों को ही अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत होगी. सरकार के अनुमान के मुताबिक, उनमें से 4,000 को ऑक्सीजन बेड की जरूरत होगी, वहीं आईसीयू बेड की ज़रूरत केवल 1000 मरीज़ों को होगी.
IIT वैज्ञानिकों के 'सूत्र' मॉडल ने अनुमान लगाया था कि दिल्ली में COVID-19 का चरम 15 जनवरी के आसपास होगा और उस दौरान प्रतिदिन लगभग 70,000 मामले सामने आ सकते हैं. अनुमानों के अनुसार, इसके लिए 18 दिनों के लिए 18 हजार आईसीयू बेड और 7 दिनों के लिए 28 हजार ऑक्सीजन बेड की ज़रूरत होगी.
आधिकारिक आंकड़ों के हिसब से इस दौरान कुल 46,000 बेड की ज़रूरत होगी. सरकार ने कहा कि उन्होंने 10,594 आईसीयू बेड और 2,328 पीडियाट्रिक बेड के अलावा 37,000 कोविड बेड तैयार करने का लक्ष्य रखा है. 10 जनवरी तक दिल्ली में 31,695 बेड तैयार हैं, जबकि 9,844 आईसीयू बेड और 2,328 पीडियाट्रिक बेड तैयार हैं.