scorecardresearch
 

Corona in Delhi: क्या कोरोना की तीसरी लहर से उबर रही है दिल्ली? वीकेंड कर्फ्यू के बीच घटे केस

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पिछले 2 दिन से लगातार दिल्ली में कम कोरोना केस दर्ज हो रहे हैं. दिल्ली में आज 17 हजार तक मामले दर्ज हो सकते हैं. जबकि संक्रमण दर 30% से कम दर्ज होगी.

Advertisement
X
satyendra jain
satyendra jain
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जैन बोले- दिल्ली में हो रहे 3 गुना ज्यादा टेस्ट
  • जैन बोले- अस्पतालों में धीरे- धीरे कम हो रहे मरीज

इस समय कोरोना की तीसरी लहर की मार झेल रही दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पिछले 2 दिन से लगातार दिल्ली में कम कोरोना केस दर्ज हो रहे हैं. दिल्ली में आज 17 हजार तक मामले दर्ज हो सकते हैं. जबकि संक्रमण दर 30% से कम दर्ज होगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कुछ दिन तक स्थिति का आकलन किया जाएगा, ऐसा न हो कि ये अस्थायी तौर पर मामले घट रहे हों.

Advertisement

उन्होंने कहा कि टेस्ट कम होने से केस कम दर्ज नहीं होते हैं. जिस व्यक्ति को हल्का लक्षण है या हाई रिस्क कॉन्टेक्ट है तो ऐसे व्यक्ति टेस्ट जरूर करवाते हैं.

जैन ने कहा कि कई जिलों में देखने मिला है कि कम टेस्ट होने के बाद वहां पॉजिटिविटी रेट डबल हो गया. ICMR की गाइडलाइन्स के मुताबिक जितने टेस्ट जनसंख्या के हिसाब से करने को कहा गया है अब भी दिल्ली में 3 गुना ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं. टेस्ट का कोई मसला नहीं है. जो टेस्ट करवाना चाहता है उसे टेस्ट के लिए मना नहीं किया जाता है. हालांकि वीकेंड कर्फ़्यू में कम लोग ही टेस्ट करवाने आते हैं.

उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछले एक महीने में 60 हजार से 1 लाख के बीच टेस्ट हुए हैं. जबकि दिल्ली में 3 लाख टेस्ट रोजाना करने की क्षमता है. लेकिन टेस्ट उसका किया जा रहा है जिसे जरूरत है. केंद्र सरकार के पास काफी अच्छे एक्सपर्ट हैं. ICMR ने सोच समझकर गाइडलाइन्स में बदलाव किए हैं. दिल्ली की आबादी 2 करोड़ है. अब रोजाना 2 करोड़ की आबादी का टेस्ट करना सम्भव नहीं है. जो बीमार है उसका टेस्ट हो रहा है.

Advertisement

कहीं अस्थायी तो नहीं

सत्येंद्र जैन ने आगे कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में मरीज धीरे- धीरे कम हो रहे हैं और पॉजिटिविटी रेट भी धीरे धीरे कम हो जाएगा. अगर दिल्ली में 2 करोड़ लोगों के टेस्ट कर लें, तो क्या 60 लाख लोग पॉज़िटिव मिलेंगे, ऐसा बिल्कुल नही है. वीकेंड कर्फ़्यू में लोग एक दूसरे से कम मिलते हैं. नाईट कर्फ़्यू, वीकेंड कर्फ़्यू और पाबंदियों का असर पड़ रहा है. अभी केस कम दर्ज हो रहे हैं लेकिन आगे कुछ दिनों तक आकलन किया जाएगा. ऐसा न हो कि अस्थायी तौर पर मामले कम दर्ज हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मौत के मामलों में कोरोना मरीज किसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित पाए गए हैं. किसी को कैंसर है, किसी को किडनी की प्रॉब्लम है. बहुत सारे मरीजों में लंग की बीमारी है. इतिहास देखें तो ठंड ज्यादा होने की वजह से दिसंबर और जनवरी में लंग की बीमारी से जूझ रहे मरीज़ो की मौत ज्यादा होती है. ज्यादातर ऐसे मरीजों की मौत हो रही है जो अस्पताल में एडमिट होने आए और टेस्ट करने के बाद कोरोना पॉजिटिव पाए गए.ऐसे मरीज गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं.पिछले दिनों के डेटा के मुताबिक जिन लोगों की मौत हुई, उनमें से 75% लोगों को वैक्सीन नही लगी थी.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement