देश में दिल्ली (Delhi) और मुंबई (Mumbai) में कोरोना (Coronavirus) के मामलों में कमी देखी जा रही है. पिछले 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना वायरस के 12527 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं, आर्थिक राजधानी मुंबई में 5976 कोरोना के मामले सामने आए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इन दोनों शहरों ने कोरोना का पीक देख लिया. या टेस्ट कम होने की वजह से कम केस दर्ज किए जा रहे हैं.
दरअसल, दिल्ली में कोरोना संक्रमण का पीक 15-16 जनवरी को बताया गया था. सूत्र मॉडल के आंकलन की बात करें तो इस दौरान दिल्ली में 45 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जाने चाहिए थे, लेकिन संक्रमितों का आंकड़ा 28 हजार पर सिमटा रहा. बात पिछले 24 घंटों की करें तो शहर में 6 हजार से कम नए मामले दर्ज किए गए हैं. शहर में 24 घंटों में कोरोना के 5,956 नए मामले आए हैं जो कि एक दिन पहले की तुलना में 24 फीसदी कम हैं. 24 घंटे में 12 मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है.
दिल्ली और मुंबई में घटते संक्रमण के आंकड़ों को देखकर ऐसा कहा जा रहा है कि इन शहरों ने कोरोना का पीक देख लिया है. हालांकि संक्रमण के मामले घटने के पीछे का एक मुख्य कारण कम टेस्टिंग होना भी है. ICMR की नई गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना मरीज के संपर्क में आने पर सभी लोगों को कोरोना टेस्ट की जरूरत नहीं है.
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट?
कोरोना संक्रमण के घटते ग्राफ पर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल का कहना है कि भारत में कोविड-19 लगभग फरवरी के अंत तक समाप्त हो जाएगा. अभी तक किसी भी राज्य पीक जैसे आंकड़े देखने को नहीं मिले हैं. दिल्ली, मुंबई के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्य आने वाले 1 सप्ताह में अपनी पीक को पार सकते हैं. आईआईटी कानपुर के 'सूत्र' मॉडल की मानें तो जनवरी के आखिरी हफ्ते में देश में कोरोना संक्रमण का पीक होगा.
(आज तक ब्यूरो)