दिल्ली में कोरोना महामारी के कहर से पिछले एक महीने में 14000 से ज्यादा लोगों का नगर निगम ने अंतिम संस्कार किया है. अप्रैल के महीने के आखरी हफ्ते में सबसे ज्यादा मौते हुईं. दिल्ली नगर निगम के मुताबिक अप्रैल के आखिरी सप्ताह में एक दिन में 700 लोगों का नगर निगम के अलग-अलग क्रीमेशन ग्राउंड और कब्रिस्तानओं के अंदर अंतिम संस्कार किया गया. हालांकि दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक एक दिन में दिल्ली में अधिकतम मौत 450 से ज्यादा नहीं हुईं.
सिर्फ अप्रैल के महीने की बात करें तो केवल उत्तरी दिल्ली नगर निगम में ही 5168 लोगों की मौत कोरोना से हुई, जिनमें से 2263 लोगों की मौत हॉस्पिटल में हुई और 2542 लोग वो हैं, जिनकी मौत घर पर हुई. इनकी लाशों का अंतिम संस्कार उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अपने श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में किया. इसके बाद अगर बात करें साउथ दिल्ली नगर निगम की तो यहां पर भी 30 अप्रैल तक 3351 लोगों की मौत कोरोना महामारी से हुई, जिनका अन्तिम संस्कार साउथ दिल्ली के अलग-अलग क्रीमेशन ग्राउंड में किया गया.
वहीं ईस्ट दिल्ली नगर निगम ने पिछले एक महीने में कुल 2400 लाशों का अंतिम संस्कार किया है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम का यह आंकड़ा 1 महीने का है, जबकि पिछले साल मार्च 2020 से लेकर इस साल मार्च 2021 की अगर बात की जाए, तो कुल 1960 लोगों की मौत कोरोना से हुई थी, जिनका अन्तिम संस्कार ईस्ट दिल्ली नगर निगम के क्रीमेशन ग्राउंड में किया गया है. पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले गाजीपुर श्मशान घाट के आचार्य की मानें तो अप्रैल के आखिरी हफ्ते में श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करने के लिए भी जगह कम पड़ गई थी. एक दिन में 143 कोरोना शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि गाजीपुर श्मशान घाट में महज 38 कोरोना शवों के अंतिम संस्कार करने की ही जगह है. 24 घंटे श्मशान घाटों में चितायें जलती दिखाई दीं.
यही आलम आईटीओ स्थित कब्रिस्तान का भी था, जहां पर केयरटेकर मोहम्मद शमीम बताते हैं कि अप्रैल के आखिरी हफ्ता में एक दिन में 21 लोगों को सुपुर्द ए खाक किया गया, हालांकि अब 1 दिन में 5 से 7 ही कोरोना शव आ रहे हैं. साउथ दिल्ली के अंतर्गत आने वाले सराय काले खां श्मशान घाट में तो 120 नई चिताएं बनाई गईं, ताकि कोरोना की शवों का अंतिम संस्कार किया जा सके.
बता दें कि नगर निगम का यह आंकड़ा अस्पतालों में हुई मौतों और घरों में हुई मौतों को एक साथ इकट्ठा करके है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जयप्रकाश जेपी की मानें तो एमसीडी घर में हुई मौतों को भी को भी सस्पेक्टेड मानकर उनका अंतिम संस्कार करती है, जिसकी वजह से मौत का यह आंकड़ा 14000 के पार है. नगर निगम की मानें तो होम आइसोलेशन में भी जान गंवाने वाले लोग कोरोना पॉजिटिव थे, जिनका कोविड प्रोटॉल के तहत अंतिम संस्कार हुआ.