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नोएडा: अस्पतालों में बेड की बुकिंग में धांधली, PPE किट पहनकर दौरा करेंगे DM

कोरोना माहामारी के समय में कहीं ऑक्सीजन की किल्लत है, तो कहीं बेडों की कमी नजर आ रही है. ऐसे में शिकायतें ये भी मिल रही हैं, कि जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है, उन लोगों ने भी बेड घेर रखे हैं, वहीं कुछ हॉस्पिटल ने बेड को रिजर्व कर रखा है. इन सभी शिकायतों को लेकर अब प्रशासन की टीम जांच के लिए मैदान में उतर रही है. 

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 डीएम टीम के साथ पीपीई किट पहनकर करेंगे हॉस्पिटल की जांच
डीएम टीम के साथ पीपीई किट पहनकर करेंगे हॉस्पिटल की जांच
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कई अस्पतालों में की गई एडवांस बुकिंग
  • अस्पतालों पर रखी जाएगी नजर 
  • सीएमओ की जांच में हुआ था खुलासा 

गौतमबुद्ध नगर में कोरोना से हालात बदतर हो रहे हैं. ऑक्सीजन की कमी है, अस्पताल में लोगों को बेड नहीं मिल रहे हैं. बेड मिल भी रहे हैं तो जिन को आईसीयू की जरूरत है, उन्हें आईसीयू में दाखिला नहीं मिल रहा है. जिला प्रशासन ने अब फैसला किया है कि डीएम समेत तमाम अधिकारी पीपीई पहन कर जिले के तमाम अस्पतालों का दौरा करेंगे. एक-एक बेड, ऑक्सीजन, आईसीयू और वेंटिलेटर का हिसाब किताब रखा जाएगा.

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डीएम सुहास एलवाई समेत अन्य अधिकारी पीपीई किट पहनकर कोविड.19 वार्डों में जाएंगे. वहां जिन मरीजों को भर्ती किया गया है, उनकी जांच की जाएगी. साथ में मुख्य चिकित्सा अधिकारी और विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भी रहेगी. देखा जाएगा कि जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है या नहीं.

जिले में लगातार शिकायतें आ रही थीं कि जिनको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है ऐसे मरीजों को भी आईसीयू और बेड मुहैया करा दिए गए हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जांच में यह बात सामने आ चुकी है. इन अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा कि वो खुद विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम लेकर कोविड-19 अस्पतालों का दौरा करेंगे. डीएम की ये टीम पीपीई किट पहनकर वार्डों में जाएगी. वहां भर्ती किए गए मरीजों की स्थिति देखेगी.

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आपको बता दें कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि कई प्राइवेट अस्पतालों ने गैर जरूरी मरीजों को आईसीयू और अस्पताल में बेड मुहैया कराए हैं. कई अस्पतालों ने एडवांस बुकिंग तक कर रखी है. जिन लोगों को अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत भी नहीं थी, उन्हें पैसा कमाने के लिए बेड अलॉट किए गए है. जांच पड़ताल में ऐसे करीब 200 मामले सामने आए हैं. जिला प्रशासन इस जांच के बाद अब सख्ती करने पर जुटा है. 

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