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Corona Vaccine: कोरोना संक्रमित डॉक्टरों-हेल्थ वर्कर्स को कब दी जाएगी प्रीकॉशन डोज? जानें जवाब

Corona Vaccine Precautionary dose: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या ये स्वास्थ्यकर्मी प्रीकॉशन डोज के लिए पात्र होंगे. अगर नहीं तो उन्हें इसके लेने के लिए कितना इंतजार करना होगा.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • 10 जनवरी से दी जाएगी प्रीकॉशन डोज
  • फ्रंटलाइन वर्कर्स को दी जाएगी प्रीकॉशन डोज

देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण (Coron Infection) के मामलों के बीच हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज (Precautionary dose) देने की तैयारी पूरी कर ली गई है. ऑनसाइड अपॉइंटमेंट के साथ प्रीकॉशन डोज 10 जनवरी से लगनी शुरू हो जाएगी.

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हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों का जो एक बड़ा तबका इस वक्त कोरोना से संक्रमित है उन्हें प्रीकॉशन डोज कब दी जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या ये स्वास्थ्यकर्मी प्रीकॉशन डोज के लिए पात्र होंगे. अगर नहीं तो उन्हें इसके लेने के लिए कितना इंतजार करना होगा.

इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया था कि प्रीकॉशन डोज के सिर्फ वही पात्र होंगे. जिनकी दूसरी और तीसरी खुराक के बीच 9 महीने का अंतर हो. यानि अप्रैल 2021 के पहले सप्ताह तक दूसरी खुराक पूरी करने वाले ही अभी प्रीकॉशन डोज के पात्र हैं. NTGAI  के सूत्रों का कहना है जो डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी इस वक्त कोरोना से संक्रमित हैं उन्हें वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज दिए जाए या नहीं यह कुछ दिन बाद साफ हो पाएगा. 

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इन्हें नहीं दी जाएगी वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज

-ऐसे व्यक्ति जिनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया हो. ऐसे लोगों को वैक्सीन के लिए 3 महीने का इंतजार करना होगा. 

- कोविड रोगी जिन्हें मोनोक्लोनल एंटीबॉडी या प्लाज्मा दिया गया है. उनके वैक्सीनेशन को अस्पताल से छुट्टी की तारीख से 3 महीने के लिए टाल दिया जाएगा.

-जिन व्यक्तियों ने कम से कम पहली खुराक प्राप्त की है और खुराक कार्यक्रम पूरा होने से पहले उनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया है, उन्हें ठीक होने के बाद दूसरी खुराक के लिए 3 महीने तक इंतजार करना होगा.

-किसी अन्य गंभीर सामान्य बीमारी वाले व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती होने या आईसीयू देखभाल की आवश्यकता होगी, उन्हें भी वैक्सीन लेने के लिए  4-8 सप्ताह तक का इंतजार करना होगा. 

संक्रमित मेडिकल स्टाफ दवाब में
दरअसल, इस वक्त देश में मेडिकल स्टाफ, डॉक्टरों, नर्सों का एक बड़ा तबका कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. वह इस वक्त या तो घर पर हैं या फिर अस्पताल में भर्ती हैं. अनौपचारिक आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के एम्स में करीब 300 रेजिडेंट डॉक्टर पॉजिटिव हैं, सफदरजंग अस्पताल में 6 जनवरी तक 165 मेडिकल स्टाफ पॉजिटिव पाया गया था. दिल्ली सरकार के एकमात्र ओमिक्रॉन के इलाज वाले जयप्रकाश लोक नायक अस्पताल में कम से कम 90 मेडिकल स्टाफ पॉजिटिव है. जबकि कनिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों सहित कई क्वारंटाइन में चले गए हैं.

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स्वास्थ्यकर्मियों ने नहीं ली वैक्सीन की दूसरी खुराक
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1 करोड़ स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 2 करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता प्रीकॉशन डोज के पात्र हैं. हालांकि, सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि टीकाकरण के एक साल बाद भी कुछ स्वास्थ्य कर्मियों ने टीकाकरण की दूसरी खुराक नहीं ली है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यदि 1.03 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी पहली खुराक ली है, तो केवल 97,41,004 ने अपनी दूसरी खुराक ली है. 

यही हाल फ्रंटलाइन वर्कर्स का है. जहां 1.83 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहली खुराक ली है, जबकि दूसरी खुराक सिर्फ 1.69 करोड़ वर्कर्स ने ली है.

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