अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस खत में लिखा है कि अगर अगले तीस दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन, अपनी नीति और संगठन में बड़ा बदलाव नहीं करता है तो अमेरिका अपनी फंडिंग को हमेशा के लिए बंद कर देगा. बता दें कि अभी अमेरिका की ओर से फंडिंग को सिर्फ कुछ समय के लिए बंद किया गया है.
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इतना ही नहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने चिट्ठी में लिखा है कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन में अपनी मेंबरशिप पर भी दोबारा विचार कर सकता है. गौरतलब है कि अमेरिका की ओर से लगातार इस बात का आरोप लगाया गया है कि WHO ने कोरोना वायरस के मामले में घोर लापरवाही बरती है और पूरी तरह से चीन का पक्ष लिया है, इसी वजह से दुनिया को भुगतना पड़ रहा है.
This is the letter sent to Dr. Tedros of the World Health Organization. It is self-explanatory! pic.twitter.com/pF2kzPUpDv
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 19, 2020
अमेरिकी राष्ट्रपति के द्वारा लिखी गई चिट्ठी में WHO पर आरोप लगाया गया है कि दिसंबर, 2019 में वुहान से कोरोना वायरस को लेकर जो भी रिपोर्ट्स आईं उनको नज़रअंदाज किया गया.
डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक, दिसंबर 2019 में ही पता लग गया था कि ये वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है, लेकिन इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया और दुनिया को चेतावनी नहीं दी गई. साथ ही किसी भी देश को ऐसी बीमारी को चौबीस घंटे के अंदर रिपोर्ट करना होता है, लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन पर हमला करते हुए इस चिट्ठी में कुछ पुराने बयानों का भी जिक्र किया गया है, जिसमें ये दावा किया गया था कि कोरोना वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता है. डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा कि WHO अगले तीस दिनों में सख्त फैसला ले, वरना बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति वह अपने देश के लोगों के टैक्स का पैसा इस तरह बर्बाद नहीं कर सकते हैं.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का सबसे बुरा कहर अमेरिका में ही देखने को मिला है, जहां अबतक 15 लाख से अधिक लोग चपेट में आ चुके हैं, जबकि 90 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.