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अहमदाबाद: DRDO ने बनाया 900 बेड का अस्पताल, प्रशासन के इस फरमान से मुसीबत बरकरार

अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउन्ड पर बने इस अस्पताल में प्रशासन के जरिए तुगलकी फरमान ने लोगों की मुसीबत और बढ़ा दी है. जिसमें ग्राउन्ड पर बोर्ड के जरिए लिख दिया गया है कि यहां सिर्फ 108 एंबुलेंस के जरिए ही लोगों को एडमिट किया जाएंगा.

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अहमदाबाद में DRDO ने बनाया 900 बेड का हॉस्पिटल
अहमदाबाद में DRDO ने बनाया 900 बेड का हॉस्पिटल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • DRDO में सभी 900 बेड ऑक्सीजन के साथ बने हैं
  • प्रशासन का फरमान- 108 एंबुलेंस के जरिए ही लोगों को एडमिट किया जाएंगा

देशभर में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच हर तरफ लोग परेशान हैं, कोई ऑक्सीजन की खोज में है, तो कोई अस्पताल में बेड पाने के लिए परेशान है. एंबुलेंस के इंतजार में लोग घंटों बिता रहे हैं. अगर एंबुलेंस मिल भी जाए तो अस्पताल में बेड मिलने में 7 से 8 घंटे का वक्त लग रहा है. ऐसे में अहमदाबाद में केन्द्र सरकार के जरिए DRDO ने 900 बेड का अस्पताल बनाया है, जिसमें 150 बेड वेन्टिलेटर के साथ हैं, जबकि 150 बेड आईसीयू के साथ तैयार किए गए हैं. सभी 900 बेड ऑक्सीजन के साथ बने हैं. 

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लोगों को उम्मीद थी कि ये अस्पताल शुरू होगा तो उन्हें बेड के लिए घंटों एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल घूमना नहीं पड़ेगा. लेकिन अस्पताल के शुरू होने के बाद भी लोगों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउन्ड पर बने इस अस्पताल में प्रशासन के जरिए तुगलकी फरमान ने लोगों की मुसीबत और बढ़ा दी है, जिसमें ग्राउन्ड पर बोर्ड के जरिए लिख दिया गया है कि यहां सिर्फ 108 एंबुलेंस के जरिए ही लोगों को एडमिट किया जाएगा. डिप्टी कमिश्नर मनीष बंसल का कहना है कि यहां आने वाली 108 से ही लोगों को एडमिट किया जाएगा. जिसके लिए यहां बकायदा एक बोर्ड भी लगा दिया गया है.  
 


 
अब इसके बाद लोगों की दिक्कत ये है कि 108 एंबुलेंस को फोन करते हैं तो वो कब आएगी, ये नहीं पता. एंबुलेंस कम से कम 48 से 72 घंटों का वक्त ले रही हैं. मरीज को तुंरत मिलने वाली मेडिकल सर्विस नहीं मिल पाती है. और जब तक एंबुलेंस यहां पहुंचती है मरीज की हालत बेहद गंभीर या फिर कई बार एंबुलेंस आते-आते मरीज की मौत हो जाती है.  

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यदि लोग अपने रिश्तेदारों को प्राइवेट वाहन या किसी प्राइवेट एंबुलेंस में भी लेकर आते हैं तो उन्हें भर्ती नहीं किया जा रहा है. इस बात को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है. यहां आने वाले मरीजों के रिश्तेदारों का कहना है कि 108 को फोन करे आज 24 घंटों से भी ज्यादा वक्त हो गया है, अब तो 108 एंबुलेंस की हेल्पलाइन पर फोन भी नहीं लग रहा है. उन्होंने कहा कि क्या करें, कैसे करें पता नहीं चल रहा है. इतना बड़ा अस्पताल खोला, लेकिन मरीज को ले नहीं रहे हैं,  ऐसे में मरीज के साथ कुछ भी हो सकता है.  
 

 

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