एक तरफ देश में कोरोना का प्रकोप जारी है, दूसरी तरफ देश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं एकदम लचर हो चुकी हैं. कहीं अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल रहे तो कहीं ऑक्सीजन खत्म हो जा रही है जिसके कारण निर्दोष नागरिकों की जानें जा रही हैं. नया मामला शहडोल-मेडिकल कालेज का है जहां ऑक्सीजन की कमी हो गई है, देर रात लिक्विड ऑक्सीजन टैंक में ऑक्सीजन की कमी के चलते अब तक 12 मरीजों की मौत हो गई है. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने भी ऑक्सीजन की कमी से हुई इन 12 मौतों की पुष्टि कर दी है, डीन ने बताया है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते अब सिर्फ अति गंभीर मरीजों को ही ऑक्सीजन दी जा रही है.
लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि शहडोल के जिलाधिकारी ने इन मौतों के पीछे ऑक्सीजन की कमीं को कारण मानने से इंकार कर दिया है. शहडोल के डीएम सत्येन्द्र सिंह ने कहा ''ऑक्सीजन की शोर्टेज के कारण किसी की भी मौत नहीं हुई है. सुबह 8 बजे तक केवल 6 मौतें दर्ज हुई हैं, वे सब अन्य बीमारियों के कारण क्रिटिकल स्थिति में थे. हमारे पास ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.''
दूसरी तरफ परिजनों का कहना है कि सिलेंडर की कमीं के कारण मौत हुई है, एक मृतक के परिजन ने बताया कि उन्होंने मरीज को खाना खिलाकर सुलाया था, उसके बाद सुबह पता चला कि मौत हो गई है, जब उन्होंने गार्ड से पूछा तो गार्ड ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हुई है. लेकिन शहडोल का जिला प्रशासन लगातार ये साबित करने की कोशिश कर रहा है कि मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है. ऑक्सीजन से हुईं इन मौतों के मामले पर वहां के SDM ने आजतक से कहा ''ऐसा नहीं है कि ऑक्सीजन की कमी है, ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मौजूद है. क्रिटिकल पेशेंट की संख्या बढ़ रही है स्वाभाविक है नेचुरल मौत होंगी''
इसे लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी दुःख जताते हुए शिवराज सरकार को घेरा है. कमलनाथ ने कहा है ''अब शहडोल में ऑक्सिजन की कमी से मौतों की बेहद दुखद ख़बर. भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, खंडवा, खरगोन में ऑक्सिजन की कमी से मौतें होने के बाद भी सरकार नहीं जागी? आख़िर कब तक प्रदेश में ऑक्सिजन की कमी से यूँ ही मौतें होती रहेगी?''
कमलनाथ ने आगे कहा ''शिवराज जी आप कब तक ऑक्सिजन की आपूर्ति को लेकर झूठे आँकड़े परोसकर, झूठ बोलते रहेंगे, जनता रूपी भगवान रोज़ दम तोड़ रही है. प्रदेश भर की यही स्थिति, अधिकांश जगह ऑक्सिजन का भीषण संकट है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी यही स्थिति है. सिर्फ़ सरकार के बयानो में व आँकड़ो में ही ऑक्सिजन व रेमडेसिविर उपलब्ध है.''
पटना में नालंदा मेडिकल कॉलेज में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत रही. मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इतना तक कहा कि उन्हें पदभार मुक्त कर दिया जाए. डॉक्टर विनोद ने अपने पत्र में लिखा है कि ऑक्सीजन के अस्पताल में ऑक्सीजन का भारी अभाव है. अगर किसी मरीज को कुछ होता है तो उसके लिए सुप्रिटेंडेंट को जिम्मेदार बना दिया जाता है. इसलिए पदभार मुक्त कर दिया जाए तो वे आजीवन आभारी रहेंगे.
ऑक्सीजन की कमीं इस समय लगभग हर राज्य में हो रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने लगी है. यही बात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सन्दर्भ में कही. इस बीच CM उद्धव ठाकरे ने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को कॉल किया तो बताया जा रहा है कि पीएमओ ऑफिस ने उनसे कहा कि प्रधनमंत्री अभी बंगाल चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, वहां से लौटने के बाद बात हो पाएगी.