इंडोनेशिया और मलेशिया ने कोरोना को देखते हुए एहतियातन मार्च महीने में ही मरकज कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई थी. इसके बावजूद भारत में मौलाना साद ने दूसरे देशों के जमातियों को निमंत्रण भेजा, उन्हें बुलाया. पुलिस का दावा है कि अलग-अलग देशों से आए इन लोगों ने भारत में भी कोरोना वायरस को फैलाने में मदद की.
पुलिस के अनुसार जब मरकज कार्यक्रम से पहला कोरोना का मामला सामने आया और एक इंडोनेशियाई नागरिक कोविड पॉजिटिव पाया गया तो मौलाना साद के लोगों की तरफ से सरकार को जानकारी दी गई कि मस्जिद के अंदर कुछ गिने-चुने लोग ही मौजूद हैं. साथ ही जो लोग अंदर हैं उनके अंदर कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं.
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मोहम्मद शहजाद नाम के एक शख्स ने इंडोनेशियाई नागरिक के संपर्क में आने वाले तीन लोगों का नाम बताया था, जिसमें से एक डॉक्टर थे. अब तक मरकज कार्यक्रम में शामिल होने वाले 6 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है.