कोरोना संक्रमण के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत के शीर्ष वैज्ञानिकों ने नोवावैक्स (Novavax) की कोवोवैक्स को बूस्टर डोज के रूप में इस्तेमाल करने की सलाह दी है. बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बीते दिन यानी शुक्रवार को नोवावैक्स की कोवोवैक्स वैक्सीन (Covovax Vaccine) के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है.
बता दे कि कोवोवैक्स को नोवावैक्स की कोविड-19 के वर्जन के रूप में तैयार किया गया है. आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) में शामिल की गई इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) में निर्मित किया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से मंजूरी मिलने के बाद विशेषज्ञ अनुराग अग्रवाल ने कहा कि यह फैसला स्वागत योग्य है. इसमें लिपिड नैनोपार्टिकल पर एकत्रित स्पाइक प्रोटीन होते हैं जो कि एक मजबूत इम्यून सिस्टम (strong immune system) बनाते हैं.
उन्होंने कहा कि इसके इस्तेमाल के बाद ओमिक्रॉन बहुत अधिक प्रभावी होगा. क्योंकि बीटा के खिलाफ इसका प्रभाव करीब 50 फीसदी था. हालांकि यह बूस्टर के रूप में कोविशील्ड की तीसरी खुराक से बेहतर है.
AZ/Covisheeld की 2 खुराक लेने के बाद इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की तुलना में देखें तो COV-BOOST कहीं बेहतर है. उन्होंने कहा कि हम भारत के लिए इस पर तेजी से काम कर रहे हैं. लिहाजा विश्व स्वास्थ्य संगठन से अनुमोदन मिलने के बाद अब इस वैक्सीन को जरूरत पड़ने पर आपात स्थिति में उपयोग करने की सलाह दी गई है.