उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कोरोना संक्रमित मरीजों की जान का सौदा किया जा रहा था. उन्हें हॉस्पिटल में बेड देने के नाम पर शातिर अपने जाल में फंसाते थे. गाजियाबाद पुलिस और स्वाट टीम ने इस शातिर गैंग के मास्टरमाइंड सहित दो को गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ के दौरान पूरे मामले का खुलासा हुआ.
गाजियाबाद पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिरासत में आए आरोपियों का नाम 24 वर्षीय मयंक और 28 वर्षीय प्रदीप है. मयंक इस पूरे गेम का मास्टरमाइंड है. कोरोना महामारी के दौर में जहां हॉस्पिटल में बेड की कमी से लोग जूझ रहे हैं, तो वहीं आरोपी ऐसे लोगों को टारगेट करके अपने जाल में फंसाते थे. कोरोना मरीज के परिवारीजनों को भरोसा दिलाया जाता था, कि उनके पास हॉस्पिटल में बेड की व्यवस्था है. इसके बाद उनसे मोटी रकम वसूल की जाती थी.
मरीज के परिजनों को फंसाते थे जाल में
पुलिस ने बताया कि आरोपी मयंक ने इस धोखाधड़ी के पूरे मामले को स्वीकार करते हुए बताया है कि उन दो के अलावा इस मामले में तीन और भी साथी चिराग, गौतम वार्ष्णेय और अमित शामिल थे. मरीज के परिजनों को जाल में फंसाने के बाद आरोपी द्वारा चिराग और अमित को हॉस्पिटल के डॉक्टर के रूप में परिचय कराया जाता था, जो मरीज की स्थिति के बारे में जानकारी लेते थे. इसके बाद गौतम वार्ष्णेय द्वारा मरीज को हॉस्पिटल में बेड दिलाने से पहले एडवांस बैंक खाते में जमा करा लिया जाता था. ये बैंक खाते अस्पतालों के नाम पर फर्जी रूप से खुलवाए गए थे. मयंक द्वारा इस पूरे काम के लिए चिराग, अमित और गौतम वार्ष्णेय को 30 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था.
1.95 की नकदी बरामद
दोनों आरोपियों को जीटी रोड कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम ने गिरफ्तार किया है. आरोपी मयंक और प्रदीप के पास से पुलिस ने 1.95 लाख रुपये भी बरामद किए हैं. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने बताया कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.